Noida Supertech Case: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सुपरटेक की प्रार्थना, 3 महीने में गिराना है टावर
Noida Supertech Case: दोनों टावरों को ध्वस्त किए बगैर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुपरटेक की ओर से एक प्रार्थना भी डाली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की प्रार्थना को अस्वीकार करते हुए खारिज कर दिया है।
Noida Supertech Case: दोनों टावरों को ध्वस्त किए बगैर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुपरटेक की ओर से एक प्रार्थना भी डाली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की प्रार्थना को अस्वीकार करते हुए खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 3 महीने में दोनों टावरों को गिराना है।
जिन बिंदुओं के आधार पर अदालत ने दोनों टावरों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है, उन टावरों के स्ट्रक्चरल में बदलाव कर उसे नियमित किया जा सकता है। साथ ही एमराल्ड के टावर-1 से भी नियमानुसार दूरी व ब्राशर के हिसाब से ग्रीन एरिया विकसित किया जा सकता है।बता दे सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के दोनों टावर सियान और एपेक्स को गिराने का आदेश 31 अगस्त को दिया था। जिसको लेकर प्राधिकरण व सलाहकार कंपनी सीबीआईआर ने अपना विशलेषण शुरू कर दिया है।
यह डाली गई थी प्रार्थना
सुपरटेक ने दायर किए प्रार्थना पत्र में कहा है कि टी-17 जिसे 32 फ्लोर का बनाया गया है उसके 224 फ्लैट और कम्युनिटी क्षेत्र को गिरा दिया जाए तो टी-1 और टी-17 के बीच की न्यूनतम और अधिकतम 40 मीटर की दूरी को प्राप्त कर सकते है। साथ ही टी-1 टावर वासियो के लिए बड़ा ग्रीन एरिया भी विकसित किया जा सकेगा। इस कंडीशन में टी-16 टावर को गिराने की आवश्यता नहीं होेगी।
बता दें कि सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था, जब एमराल्ड कोर्ट हाउजिग सोसायटी के बाशिदों की याचिका पर टावर ढहाने का आदेश 2014 में आया। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे। जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रोजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है। बहराल अंतिम फैसला अदालत को लेना है।