Noida Supertech Emerald Case: अविकसित पार्क की जमीन को बाउंड्रीवाल बनाकर कब्जे में लेगा प्राधिकरण

Noida Supertech Emerald Case: सुपरटेक को दोनों टावरों के निर्माण के लिए दूसरी बार में 6 हजार से ज्यादा वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई।

Report :  Deepankar Jain
Published By :  Monika
Update: 2021-09-28 13:59 GMT

सुपरटेक एमराल्ड मामला (फोटो : सोशल मीडिया )

Noida Supertech Emerald Case: सुपरटेक (Supertech ) ने प्राधिकरण की करीब सात हजार वर्गमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है। यह जमीन दोनों टावरों से अलग लेकिन उसी के परिसीमन क्षेत्र में है। जिस पर सुपरटेक ने गेट , फुटपाथ के अलावा जनसेट रखने का स्थान बनाया हुआ है। प्राधिकरण इस जमीन को एक बाउंड्री बनाकर अपने कब्जे में ले सकता है। आवंटन से लेकर अब तक अवैध (illegal) रूप से इस जमीन का उपयोग करने पर जुर्माना लगाकार राजस्व की वसूली भी कर सकता है। इसको लेकर प्राधिकरण में मंत्रणा की जा रही है। जरूरत पड़ने पर लीगल टीम की मदद भी ली जा सकती है।

ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच 04 सेक्टर-93ए का आवंटन व मानचित्र स्वीकृत का प्रकरण 2004 से 2012 के बीच का है। सुपरटेक को दोनों टावरों के निर्माण के लिए दूसरी बार में 6 हजार से ज्यादा वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई। इसके अलावा यहां उद्यान विभाग का एक अविकसित पार्क था। जिसके चारों ओर सीसीडी विभाग को चार दिवारी बनाकर उद्यान विभाग को सौंपना था। यह जमीन करीब 7000 वर्गमीटर है। प्राधिकरण सूत्रों ने बताया कि उस समय जमीन की आवंटन दर 22 हजार रुपए प्रतिवर्गमीटर थी। जिसका प्रयोग सुपरटेक ने कई कार्यो में किया। दोनों टावरों के प्रवेश के लिए बनाया गया गेट भी इसी जमीन पर है। हालांकि एटीएस ने अपनी बाउंड्री कराकर अपना विवाद समाप्त कर लिया था।

स्थिति यह थी कि सुपरटेक को आवंटित भूखंड पर प्राधिकरण ने 2005 , 2006 , 2009 व 2012 में मानचित्र स्वीकृत भी किया। खास बात यह है कि मानचित्र स्वीकृत करने के दौरान नियोजन विभाग की ओर से एक बार भी अविकसित पार्क की जमीन की ओर ध्यान क्यों नहीं गया। साफ है कि इस जमीन को लेकर बंदर बांट किया गया। सुपरटेक 16 साल तक इस जमीन का प्रयोग करता रहा। भले ही 2015 में उच्च न्यायालय ने दोनों टावरों पर स्टे लगा दिया था। लेकिन जमीन पर कब्जा सुपरटेक के पास ही रहा।

बाउंड्री वाल बनाकर जमीन पर लिया जा सकता है कब्जा

प्राधिकरण इस पर विचार कर रहा है कि जिस जमीन पर सुपरटेक ने अवैध रूप से कब्जा जमा कर रखा है, वहा एक बाउंड्री वाल बनाकर उस पर कब्जा लिया जाए। साथ ही अवैध रूप से जमीन का दुरपयोग करने के लिए सुपरटेक पर जुर्माना लगाकर राजस्व वसूल किया जाए। इसके लिए प्राधिकरण अपनी लीगल टीम से बातचीत कर रही है।

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