Black Fungus: मरीजों के आंकड़ों में गिरावट, KGMU में पिछले 24 घंटों में एक रोगी हुआ भर्ती, एक की मौत

यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित अस्पतालों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले कम आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) में एक मरीज भर्ती हुआ है जबकि लोहिया अस्पताल से कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Satyabha
Update:2021-07-14 22:46 IST

ब्लैक फंगस फोटो-सोशल मीडिया

Lucknow News: राजधानी के अस्पतालों में म्यूकोरमोसिस (Mucormycosis) यानि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले कम आ रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले करीब एक महीने से ब्लैक फंगस के मरीजों में लगातार कमी देखी जा रही है। वहीं पिछले 24 घंटों में लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) में एक मरीज भर्ती हुआ है जबकि लोहिया अस्पताल से कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

अब तक 533 रोगी आए सामने

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि अभी तक म्योकोरमोसिस अर्थात ब्लैक फंगस के 533 रोगी भर्ती और परामर्श हेतु आए हैं। यह वर्तमान में भर्ती रोगियों की संख्या नहीं है, अभी तक KGMU में आये कुल रोगियों की संख्या है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में एक रोगी भर्ती हुआ है। पिछले 24 घंटों में चार मरीजों की शल्य चिकित्सा यानि सर्जरी की गई है। डॉ. सुधीर ने बताया कि केजीएमयू में पिछले 24 घंटों में एक रोगी की मृत्यु भी हुई है। जो 55 वर्ष का था और सुल्तानपुर जिले के खैराबाद का रहने वाला था। जबकि पिछले 24 घंटों में आठ रोगियों को डिस्चार्ज किया गया है। लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक, पिछले एक माह से ब्लैक फंगस के एक भी मरीज नहीं भर्ती हुए हैं। 

विशेषज्ञों के मुताबिक, म्यूकोरमोसिस या ब्लैक फंगस नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर अटैक करता है। इसका इलाज करा रहे मरीजों को चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं। वहीं गंभीर मामलों में तीन-तीन महीने तक भी इलाज चलता रहता है।

ब्लैक फंगस के लक्षण-

  • बुखार
  • सांस लेने में दिक्कत
  • कफ
  • खंखार में खून आना
  • सीने में दर्द
  • धुंधला दिखाई पड़े

ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दवाइयों से भी इसका इलाज हो जाता है। कुछ मौकों पर सर्जरी भी करनी पड़ती है। इसलिए अगर आपको डाइबिटीज है और कोरोना से संक्रमित हो गए हैं तो अपना ब्लड शुगर नियमित तौर पर चेक करते रहें और शुगर की दवाई बिल्कुल संभल कर लें।

Tags:    

Similar News