एनजीओ द्वारा संचालित बाल गृहों का सर्वे करेगा इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट- कोर्ट

 इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित बाल गृहों के सीसीटीवी कार्य प्रणाली का सर्वे करने का आदेश पुलिस के इंटेलीजेंस विभाग को दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एनजीओ द्वारा संचालित कुल 134 बाल गृहों के सम्बंध में दिये हैं।

Update: 2019-05-03 16:18 GMT

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित बाल गृहों के सीसीटीवी कार्य प्रणाली का सर्वे करने का आदेश पुलिस के इंटेलीजेंस विभाग को दिया है। कोर्ट ने यह आदेश एनजीओ द्वारा संचालित कुल 134 बाल गृहों के सम्बंध में दिये हैं।

यह आदेश जस्टिस देवंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस राजन रॉय की बेंच ने अनूप गुप्ता की ओर से दाखिल पुरानी जनहित याचिका पर सुनवायी करते हुए पारित किया। केार्ट इस याचिका के माध्यम से बाल गृहांे व आश्रयों के विषय में सरकारी कामकाज की मानीटरिंग कर रही है।

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इसी याचिका पर कोर्ट ने कहा कि इन 134 बाल गृहों में सीसीटीवी ठीक ढंग से काम कर रहे हैं अथवा नहीं व क्या कैमरे बाल गृहों के परिसर के सभी आवश्यक स्थानों को कवर कर रहे हैं, इस बात की जांच इंटेलिजेंस विभाग करेगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सर्वे टीम में मुख्य रूप से महिला कर्मचारी रहेंगी व यूनिफॉर्म में नहीं होंगी।

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वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट को जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि जब उन्होंने खरगापुर स्थित निर्वाण शेल्टर होम का दौरा किया तो उन्हें जानकारी दी गई कि वहां शारीरिक उम्र के बजाय मानसिक उम्र के आधार पर शेल्टर दिया जाता है। कोर्ट ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि यह तथ्य कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तैयार की गई रिपोर्ट में क्यों नहीं लाया गया। कोर्ट ने इसके लिये जिला प्रोबेशन अधिकारी व बाल कल्याण समिति के सदस्य को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि वह इस बिंदु पर व फंड के बिंदु पर अगली सुनवाई पर विचार करेगी। मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।

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