UP में रेकी करने वाले ISI एजेंट्स ने रची DSP तंजील की हत्या की साजिश!

Update: 2016-04-03 12:19 GMT

लखनऊ: पठानकोट हमले की जांच टीम के लाइजनिंग ऑफिसर और नेशनल इन्वेस्टीगेटिंग एजेंसी (एनआईए) के डीएसपी तंजील अहमद की हत्या में आतंकियों का हाथ होने का शक है। संदेह जताया जा रहा है कि उनकी हत्या की साजिश रचने वालों में वे आतंकी और आईएसआई के एजेंट शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने पठानकोट एयरफोर्स एयरबेस के साथ-साथ यूपी और उत्तराखंड के एयरबेस की रेकी की थी। 9 जनवरी की सुबह हुए पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के तार यूपी से भी जुड़े हुए हैं।

पाकिस्तानी जेआईटी के जाते ही हुई हत्या

-डीएसपी तंजील की हत्या के मामले में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि पठानकोट हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से आई जॉइंट इन्वेस्टीगेटिंग टीम (जेआईटी) के जाने के बाद ही उनकी हत्या कर दी गई।

-इस टीम में पाकिस्तनी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अफसर भी शामिल थे। जबकि इस हमले को अंजाम देने के लिए आईएसआई ने ही अपने एजेंट्स से पठानकोट सहित देश के कई एयरफोर्स एयरबेस की रेकी करवाई थी।

-सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के ऑफिसर्स के मुताबिक तंजील के पास यूपी में आईएसआई एजेंट्स की रेकी और बिजनौर ब्लास्ट से जुड़ी अहम जानकारियां थीं।

-अधिकारियों के मुताबिक ऐसे में इस ओर भी शक जा रहा है कि इससे पहले कि तंजील के सहारे पठानकोट और दूसरे एयरबेस की जासूसी के मामले में कई और खुलासे होते, आईएसआई के लोकल मॉड्यूल ने उनकी हत्या की साजिश रच डाली हो।

गायब हुआ था एजेंसियों के रडार से एक आईएसआई एजेंट

-दिसंबर में मेरठ से पकडे़ गए आईएसआई एजेंट एजाज ने पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि उसकी ही तरह पूरे देश में इंडियन एयरफोर्स के एयरबेस की जानकारी जुटाने के लिए उसके कई और साथियों को लगाया गया था।

-इस मामले से जुड़े एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि इन्हीं में से एक आईएसआई एजेंट ने पठानकोट एयरबेस की रेकी कर इंफॉर्मेशन पाकिस्तान भेजी थी। अधिकारी ने इस एजेंट का नाम बताने से इनकार कर दिया।

-ये आईएसआई एजेंट भी एजाज की तरह सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आया था। ये एजेंट कुछ दिन बाद एजेंसियों के रडार से गायब हो गया। इसकी लास्ट लोकेशन गोरखपुर की बताई गई थी।

आईएसआई एजेंट के पास से मिले थे एयरबेस के वीडियो

-एजाज के पास से बरामद आई-मैक (एप्पल का लैपटॉप) में कई महत्वपूर्ण जानकारियां थीं। इनमें कई एयरबेस के वीडियो भी शामिल थे। जिनमें गोरखपुर, बख्शी का तालाब, लखनऊ, सहारनपुर और उत्तराखंड के एयरबेस शामिल हैं।

-इन्हें वह स्काइप के जरिए अपने हैंडलर को भेजता था। एजाज के ऊपर यूपी एसटीएफ और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसीज काफी दिनों से निगाह बनाए हुए थीं।

-एजाज को इस बात की जैसे ही भनक लगी उसने आई-मैक को फॉर्मेट कर बेच दिया।

-संयोगवश समय रहते एजेंसियों को इस बात की भनक लग गई और उन्होंने ही अपने ही एक छद्म ग्राहक से इस खरीदवा लिया था।

-यह आई-मैक एजेंसीज के हाथ लगते ही एजाज को यूपी एसटीएफ ने अरेस्ट कर लिया था।

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