Atiq ahmad: अतीक अहमद और अशरफ से पूछताछ जारी, मामले में NIA की एंट्री...UAPA के तहत दर्ज हो सकता है केस
Atiq ahmad: UP ATS ने आतंकी संगठनों और आईएसआई से संबंधों पर अतीक अहमद से लंबी पूछताछ की है। पाकिस्तान से हथियार खरीदने और ISI से संबंध को लेकर अतीक के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज हो सकता है।
Atiq ahmad News : उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में प्रयागराज के धूमनगंज थाना की पुलिस ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान अतीक के पाकिस्तान से संबंध और आतंकी कनेक्शन भी सामने आए। जिसके बाद अब एनआईए की टीम भी अतीक से पूछताछ करने पहुंच चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NIA अधिकारी इस समय धूमनगंज थाने में ही हैं। अतीक से सवाल-जवाब का सिलसिला जारी है। एक दिन पहले यूपी एटीएस की टीम अतीक से पूछताछ कर चुकी है। दो दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने माफिया के करीबियों के यहां छापेमारी की थी।
कहा जा रहा है कि, अतीक अहमद (Atiq ahmad) की मुश्किलें और बढ़ सकती है। दरअसल, माफिया अतीक पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत केस दर्ज हो सकता है। यूपी एसटीएफ और पुलिस के बाद अब ATS और NIA भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।
असद और गुलाम हुआ दफ़न
आपको बता दें कि, उमेश पाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ की टीम ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके साथ गुलाम मोहम्मद को एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया। दोनों को 15 अप्रैल को प्रयागराज के अलग-अलग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
वादे से पलट गया अशरफ, यही मौत की वजह तो नहीं
असद और गुलाम के एनकाउंटर को लेकर एक और बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि असद के एनकाउंटर की एक वजह उसका चाचा अशरफ भी बना है। दरअसल, उमेश पाल मर्डर केस में बरेली जेल (Bareilly Jail) में बंद अशरफ ने पुलिस अधिकारियों को वादा किया था कि वह तीन शूटर को उनके हवाले कर देगा। मगर, बाद में मुकर गया। अशरफ पुलिस को चकमा देकर शूटरों को बचाता रहा। उसने ये वादा पेशी पर जाने के दौरान किया था। लेकिन, पेशी पर दोषी करार नहीं होने की बात सुनते ही अपने वादे से पलट गया।
अतीक के काफिले पर हमले की फ़िराक में था असद
अशरफ यूपी पुलिस को झांसा देकर भतीजे असद सहित अन्य शूटर को बचाने की फ़िराक में था। जिसके बाद STF ने शूटरों को ढूंढने में पूरी ताकत झोंक दी। असद और गुलाम मोहम्मद के झांसी में छिपे होने की सूचना मिली। ये भी पता चला कि वो अतीक के काफिले पर हमला कर पुलिस में दहशत पैदा करना चाह रहे थे। अशरफ को ये बात पता थी कि पुलिस पर हमला करने पर पुलिस बैकफुट पर जाएगी।