छोटे-मंझले उद्योगों को बिजली का झटका, 9 फीसदी बढ़ सकती हैं दरें

Update: 2016-02-04 08:24 GMT

लखनऊ: नए साल में राज्य के छोटे और मंझोले उद्योगों को बिजली का झटका लग सकता है। विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। साथ ही सरकारी संस्थानों की बिजली दरों में भी लगभग 10 से 12 फीसदी बढ़ोत्तरी की जा सकती है। इस बार बिजली दरों की बढ़ोत्तरी से विभाग के कर्मचारी भी अछूते नही रहेंगे, बल्कि उन पर लगभग 11 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। इस सिलसिले में उप्र पावर कारपोरेशन ने साल 2016-17 के लिए विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ प्रस्ताव सौंप दिया है।

सीएम की घोषणाओं को पूरा कर रहा पावर कारपोरेशन

इस बार कारपोरेशन ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की घोषणाओं को पूरा करने के लिए विद्युत आपूर्ति लगभग 90000 एमयू से बढ़ाकर 125000 एमयू करना प्रस्तावित कर रहा है।

बुंदेलखंड में निजी नलकूपों की दरों में 38 फीसदी की छूट

पावर कारपोरेशन ने बुंदेलखंड में सूखे की समस्या को देखते हुए निजी नलकूपों की न्यूनतम शुल्क को 160 रूपए प्रति बीएचपी प्रतिमाह से घटाकर 100 रूपए प्रति बीएचपी प्रतिमाह किया है। इस क्षेत्र के निजी नलकूपों की दरों में लगभग 38 फीसदी की छूट प्रस्तावित है। इसके अलावा सिंगल क्राप पर ही निर्भर इलाकों के निजी नलकूपों के विद्युत शुल्क को साल 2003-04 के टैरिफ से भी कम किया गया है। मौजूदा साल के लिए उनकी बिजली की दरों को लगभग 13 साल पहले के समकक्ष कर दिया गया है।

इनको मिली राहत

-घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों की बिजली दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

-बड़े उद्योगों को भी इससे राहत दी गई है।

-कोल्ड स्टोरेज के बिजली दरों में लगभग 2 फीसदी की छूट दी गई है।

इसलिए बढ़ी हैं दरें

-कारपोरेशन नियामक आयोग में 5.75 फीसदी टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया गया है।

-इस वृद्धि से कारपोरेशन को लगभग 2850 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है।

-घाटे को पूरा करने के लिए पावर कारपोरेशन को लगभग 28 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद थी।

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