वाराणसीः पीएम नरेंद्र मोदी का सपना गंगा को साफ करने का है, लेकिन अफसरशाही का ढुलमुल रवैया उसमें पलीता लगा रहा है। मामला मोदी के संसदीय क्षेत्र के करसड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का है। इसे चलाने की तारीख तो तय कर ली गई है, लेकिन प्लांट चलाने के लिए पार्टनर चाहिए। ये पार्टनर अभी तक नहीं मिला है।
क्या है मामला?
-गंगा में सीवेज जाने से रोकने के लिए करसड़ा में एसटीपी बनाया जा रहा है।
-इसका काम देखने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के प्रमुख सचिव प्रवीण प्रकाश पहुंचे।
-प्रवीण ने कहा कि करसड़ा एसटीपी को 20 जून से शुरू कर देंगे।
-प्लांट को 15 साल चलाने के लिए यूपी सरकार ने पार्टनर की जरूरत बताई है।
-ये पार्टनर अभी तक यूपी और केंद्र सरकारें दिसंबर तक तलाशेंगी।
और क्या बोले प्रमुख सचिव?
-रमना में पड़े ढाई लाख टन कूड़े की कैपिंग कराई जाएगी।
-बाद में यहां कूड़ा डलवाना बंद करा दिया जाएगा।
-करसड़ा में रमना का कूड़ा लाकर डंप किया जाएगा।
-कूड़े से खाद और आरडीएफ में बदलने की योजना।
-आसपास के शहरों में कूड़े की प्रोसेसिंग शुरू कराई गई है।