प्रयागराज के थानों में नहीं है महिला शौचालय, कोर्ट ने मांगी उठाये गये कदमों की जानकारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार व प्रयागराज जिला प्रशासन समेत पुलिस अधिकारियों से पूछा है कि जिले के थानों में महिला शौचालय कयों नहीं है? विधि छात्रों की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीध गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सी.डी.सिंह की खण्डपीठ ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि प्रयागराज जिले के थानों में महिला शौचालय नहीं है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार व प्रयागराज जिला प्रशासन समेत पुलिस अधिकारियों से पूछा है कि जिले के थानों में महिला शौचालय कयों नहीं है? विधि छात्रों की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीध गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सी.डी.सिंह की खण्डपीठ ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि प्रयागराज जिले के थानों में महिला शौचालय नहीं है।
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राज्य सरकार के अधिवक्ता ने एसएसपी प्रयागराज के पत्र का उल्लेख करते हुए कोर्ट को बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट किया गया है और जिले के सभी थानों में महिला शौचालय बनवाने का अनुरोध किया गया है। जिलाधिकारी की मंजूरी मिलने के बाद सभी 29 थानों में महिला शौचालय का निर्माण कराया जायेगा। याची विधि छात्रों का कहना है कि जिले के किसी भी थाने में महिला शौचालय नहीं है।
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इससे न केवल महिला पुलिस अधिकारियों व शिकायात को लेकर थाने में आयी महिलाओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रयागराज जैसे बड़े शहर में थानों में महिला शौचालय न होना केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का मखौल उड़ाना है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 22 जनवरी तक जिला पुलिस प्रशासन से इस संबंध में उठाये गये कदमों की जानकारी मांगी है।
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