नोएडा प्राधिकरण के 4600 कर्मचारी हड़ताल पर, मांग ना पूरी होने पर दफ्तरों में जड़ा ताला
नोएडा प्राधिकरण के 4600 संविदा पर काम करने वाले अस्थायी कर्मचारी बुधवार( 26 जुलाई ) से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। उन्होंने प्राधिकरण के अलग-अलग स्थानीय कार्यालयों पर तालाबंदी कर अपना विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक हमारी
नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के 4600 संविदा पर काम करने वाले अस्थायी कर्मचारी बुधवार( 26 जुलाई ) से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं। उन्होंने प्राधिकरण के अलग-अलग स्थानीय कार्यालयों पर तालाबंदी कर अपना विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तालाबंदी जारी रहेगी। ना ही किसी अधिकारी को अंदर जाने दिया जाएगा न ही कोई फरियादी अपनी समस्या सुना सकेगा।
अभी तक क्यो नहीं लिया फैसला?
संविदाकर्मियों का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से एक कमेटी बनाकर उनकी मांगों पर विचार करने को कहा गया था। लेकिन अभी तक किसी तरह का फैसला नहीं हो पाया। अब उनकी ओर से यह तालाबंदी इसी को लेकर की गई। इसमें नोएडा प्राधिकरण के जल खंड, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत यांत्रिकी, सर्किल आफिस, उद्यान विभाग में सुबह नौ बज से तालाबंदी की गई। यहां से अधिकारियों को आने-जाने नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा सेक्टर-5 कार्यालय का घेराव किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में संविदाकर्मी मौजूद है।
सफाई और पानी के तरस सकते है शहरवासी
आवश्यक सेवाओं के मामले में अभी उनकी ओर से थोड़ा समय दिया जा रहा है। लेकिन अगर मांगे नहीं मानी गई तो उनकी ओर से यह सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। इसमें सफाई, जल, सीवर समेत कई ऐसी सेवाएं हैं, जिसको बंद करने से आम जन को काफी परेशानी होगी। उनका कहना है कि प्राधिकरण ने उनको मूलभूत सुविधाएं तो देना दूर उनका नाम पता तक अपने कागजों में दर्ज नहीं किया है।
यही नहीं उनके और प्राधिकरण के बीच ठेकेदार का कहीं कोई स्थान नहीं बचता और उनको हटाना ही होगा। लेकिन अब प्राधिकरण ई-टेंडर के माध्यम से हमें नए ठेकेदारों के बीच फंसा रहा है। लिहाजा उनकी ओर से बेमियादी हड़ताल व धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
-प्राधिकरण अस्थाई कर्मचारी संघ के महासचिव विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि मांगों को लेकर कई बार प्राधिकरण अधिकारियों से बातचीत की जा चुकी है। आश्वासन के सिवा कभी कुछ नहीं मिला। लिहाजा अनिश्चित कालीन रूप से ताला बंदी कर दी गई है। ऐसे में यदि 24 घंटे में हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता सारी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।