नोएडा: स्पोर्टस सिटी योजना पर CAG ने लगाई थी 12 आपत्तियां, जानिए इनके बारे में
कॉमनवेल्थ गेम्स की तर्ज पर नोएडा में खेलकूद सुविधाओं के विकास के लिए 12 साल पहले बनी स्पोर्टस सिटी की योजना को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
नोएडा: कॉमनवेल्थ गेम्स की तर्ज पर नोएडा में खेलकूद सुविधाओं के विकास के लिए 12 साल पहले बनी स्पोर्टस सिटी की योजना को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। नियंत्रक और महालेखा परिक्षक (सीएजी) ने स्पोर्टस सिटी परियोजना पर 12 आपत्तियां लगाई। सीएजी ने योजना के तहत नियम व शर्तो का उल्लघंन माना। अधिकांश का जवाब प्राधिकरण ने दिया है। प्राधिकरण ने स्पोर्टस सिटी की जांच के लिए एसीईओ स्तर की कमेटी बनाई। यह भी निर्देश है कि जब तक स्पोर्टस सिटी का काम ट्रेक पर नहीं आता तब तक शहर में अन्य कोई भी स्पोर्टस सिटी नहीं विकसित की जाएगी।
खेलकूद सुविधाओं का विकास करने का निर्णय
प्राधिकरण की 121वीं बैठक में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स के संदर्भ में नोएडा में खेलकूद सुविधाओं का विकास करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए विभिन्न सेक्टरों में 39० हेक्टेयर भूमि नोएडा महायोजन-2०21 के प्रारूप में प्रस्तावित की गई। 145वीं बोर्ड बैठक 2००7 में 311.6० हेक्टेयर भूमि पर खेलकूद सुविधाओं का विकास करने के लिए स्पोर्टस सिटी योजना प्रस्तावित की गई। 149वीं बोर्ड बैठक 2००8 में 346 हेक्टेयर भूमि पर स्पोर्टस सिटी का भू-उपयोग निर्धारित किया गया। साथ ही प्रदेश सरकार से अनुमोदन भी प्राप्त किया गया।
प्राधिकरण ने 2०21-11 में सेक्टर-78,79 व 1०1 व सेक्टर-15० वर्ष 2०14-15 में सेक्टर-15० वर्ष 2०15-16 में सेक्टर-152 में स्पोर्ट सिटी योजनाओं की सार्वजनिक सूचनाए निकाली। लेकिन यह योजना अब तक साकार रूप नहीं ले सकी। योजना के तहत सीएजी ने कई आपत्तियां लगाई। जिसके जवाब में प्राधिकरण ने अधिकतर आपत्तियों को अस्वीकार किया। प्राधिकरण ने अवगत कराया कि स्पोर्ट सिटी विकसित करने के लिए विशिष्ट एजेंसी का सहयोग प्राप्त करते हुए स्थल खेलकूद की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही स्पोर्ट सिटी में नियम व शर्तो के अनुसार ही अधिभोग प्रमाण पत्र भी निर्गत किए गए।
सीएजी ने ये लगाई थी आपत्ति
सत्ता परिवर्तन के बाद शासन की ओर से प्राधिकरण की परियोजनाओं की जांच की गई। यह जांच सीएजी ने की। जांच पूरी हो चुकी है। स्पोर्टस सिटी पर सीएजी ने 12 आपत्तियां लागई। हालांकि प्राधिकरण ने इनमे से अधिकांश का जवाब दे दिया। जिसके बाद सोमवार को हुई 2०1 बोर्ड बैठक में स्पोर्टस सिटी के काम को ट्रैक पर लाने के लिए कहा गया।
-प्राधिकरण द्वारा भूमि की दर अत्यन्त कम लगाई गई।
-स्थल पर खेलकूद सुविधाओं का विकास नहीं हुआ है।
-सब लीज इस प्रकार की गई है कि किसी एक खेलकूद की गतिविध को दो या दो से अधिक विकासकर्ताओं को दे दिया गया है। अत: एकीकृत रूप से खेलकूद की गतिविधियां विकसित नहीं की जा सकती है।
-खेलकूद सुविधाओं के विकास से पूर्व एफएआर को ग्रुप हाउसिंग में स्थानांतरित कर दिया गया।
-स्पोर्टस सिटी में आवासीय तथा वाणिज्यिक गतिविधियां स्वीटनर की तरह अनुमन्य की गई थी लेकिन आवंटी /उप पट्टा धारकों द्वारा खेल सुविधाओं का विकास न करके केवल आवासीय/ग्रुप हाउसिंग का निर्माण कर लिया गया है। जो योजना की नियम व शर्तो का का उल्लघंन है।
एकीकृत रूप में किया जाना था विकास
-स्पोर्टस सिटी का विकास एकीकृत रूप से किया जाना था। परंतु इस योजना में किए गए उप विभाजित भूखंडों का पृथक इकाई माना गया।
-मास्टर प्लान मे रिक्रेशनल ग्रीन भू-उपयोग के अंतर्गत ग्रुप हाऊसिंग का विकास किया जा रहा है।
-अपात्र विकास कर्ताओं को भी स्पोर्टस सिटी के भूखंड आवंटित किए गए।
-स्पोर्टस सिटी परियोजनाओं के ब्रोशर में उल्लेख था कि स्पोर्ट सिटी में विकसित की जाने वाली सुविधाओं हेतु अंतराष्ट्रीय स्तर की एजेंसी से संपंर्क किया जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
-स्पोर्ट सिटी का आवंटन विभिन्न कन्सोर्शियम को किया गया। कन्सोर्सियल के लीड मेंबर में नियमों के प्रतिकूल बदलाव किया गया।
-खेल सुविधाएं विकसित होने से पहले ही कुछ प्रकरणों में अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किए गए।
स्पोर्टस सिटी के लिए इन सेक्टरों में चार भूखंड किए गए आवंटित
विकास कर्ता का नाम भूखंड/सेक्टर आवंटित क्षेत्रफल
थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स सेक्टर-78,79 व 1०1 7,27,5००.००
लाजिक्स इंफ्रा प्राइवेट डेवलपर्स एससी-०1/15० 8,००,०००.००
थ्री सी ग्रीन डेवलपर्स स्पोर्टस सिटी एससी-०2/15० 12,००,०००.००
एटीएस होम्स प्रा.लि. एससी-०1/152 5,०3,०००
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इन खेल के मैदानों को किया जाना था विकसित
गोल्फ कोर्स (9 होल), स्वीमिंग सेंटर, मल्टीपर्पज प्ले फील्ड,टेनिस सेंटर, इंडोर मल्टीपर्पज स्पोटर्स हॉल (जिमनास्टिक, बेडमिंटन, टेबिल टेनिस, स्केवश, बास्टेकबॉल, वॉलीबॉल, रॉक क्लाइंबिंग) क्रिकेट एकाडमी आदि।