Noida सुपरटेक मामले में एसआईटी गठित, अब भ्रष्ट अधिकारियों पर गिरेगी गाज

Lucknow News: नोएडा सुपरटेक मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी की एक टीम का गठन किया गया है। यह टीम एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौप देगी।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Shweta
Update:2021-09-02 22:47 IST

कॉन्सेप्ट फोटो (फोटोः सोशल मीडिया)

Noida Supertech case:  नोएडा सुपरटेक मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी की एक टीम का गठन किया गया है। यह टीम एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौप देगी। सरकार की तरफ से कहा गया है कि वह होम बायर्स के साथ खड़ी है। इसके पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि सरकार की छवि धूमिल करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी ।

एसआईटी की टीम में औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल के अलावा अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह एडीजी राजीव सब्बरवाल तथा मुख्य ग्राम नियोजक अनूप कुमार का शामिल किया गया है जो एक सप्ताह के अंदर पूरी रिपोर्ट तैयार करेगें।

एसआईटी में 2००4 से लेकर 2०17 तक के एमराल्ड से जुड़े व इस प्रकरण में लिप्त अफसरों की जांच

वहीं, नोएडा से हमारे संवाददाता दीपांकर जैन के मुताबिक, एसआईटी 2००4 से लेकर 2०17 तक के एमराल्ड से जुड़े व इस प्रकरण में लि' अधिकारियों की जांच करेगी। अवस्थपना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल को टीम का अध्यक्ष बनाया गया है। उनके साथ टीम में तीन सदस्य भी होंगे।

इसमे ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल व मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप कुमार श्रीवास्तव को टीम में सदस्य बनाया गया है। टीम अपनी जांच रिपोर्ट एक साह के अंदर शासन को सौंप देगी। एमराल्ड मामले में शासन स्तर से शिकंजा कसता जा रहा है। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की संलि' का पता लगाया जाएगा। सुपरटेक के भू-आवंटन से लेकर मानचित्र पास होने तक कई सवालों के जवाब तलाशेगी।

यह होगा जांच का दायरा

1. क्या टावर-16 व टावर-17 ग्रीन बेल्ट में बनाए गए।

2. क्या दो टावरों के बीच की दूरी को मानकों के अनुरूप नहीं बनाया गया।

3. क्या आरडब्ल्यूए को आरटीआई का जवाब जानबूझ कर नहीं दिया गया।

4. क्या अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो देने में नियमों का उल्घन तो नहीं किया गया।

5. क्या इमारत की ऊचाई नियमों को ताक पर रख कर बढ़ाई गई।

6. क्यों प्राधिकरण की ओर से तथ्यों को छिपाया गया।

आईएएस व पीसीएस अधिकारी भी होंगे जांच की जद में

2००4 से 2०17 तक सपा व बसपा शासन काल में कई बड़े नामचीन अधिकारियों ने नोएडा की कमान संभाली। दोनों ही सरकारों के अधिकांश चहेते अधिकारी अब सेवा निवृत हो चुके है। अब तक प्राधिकरण में सीएजी, सीबीआई, आयकर विभाग के अलावा कई और एजेंसियों ने जांच की है।

इन घोटालों में भी बिटोरी सुर्खियां

. फाम हाउस घोटाला।

. होटल आवंटन घोटाला।

. भूमि आवंटन घोटाला।

. जालसाजी कर अधिक मुआवजा देकर राजस्व नुकसान पहुंचाना।

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