दर्दनाक : पानी से भिगो - भिगो कर मारते रहे दबंग, आखिर में युवक की चली गई जान

गांव के दबंगों ने मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक को लाठी डंडो से पीटपीट कर मौत के घाट उतार दिया । युवक के बेहोश होने पर उस पानी डाल कर होश लाया जाता था। होश में आने के बाद फिर उसको पेड़ से बांध कर पिटाई की जा रही थी।

Update: 2019-06-10 14:26 GMT

कानपुर: गांव के दबंगों ने मानसिक रूप से विक्षिप्त एक युवक को लाठी डंडो से पीटपीट कर मौत के घाट उतार दिया । युवक के बेहोश होने पर उस पानी डाल कर होश लाया जाता था।

होश में आने के बाद फिर उसको पेड़ से बांध कर पिटाई की जा रही थी। लेकिन दबंगों की दबंगई के आगे ग्रामीण उसे बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जब युवक अधमरा हो गया तो उसे गांव के बाहर फेंक दिया गया।

ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी तो पुलिस के पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद से आरोपी घर छोड़ कर भाग गए है। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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सजेती थाना क्षेत्र स्थित बदले सिमनापुर गांव में रहने वाले बद्री प्रसाद निषाद का इकलौता बेटा अनिल निषाद मानसिक रूप से विक्षिप्त था । चार साल पहले अनिल की शादी जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद की रहने वाली मंजू निषाद से हुई थी।

अनिल गांजे का नशा करता था जिसकी वजह से उसकी मानसिक स्थिति और भी बिगड़ गई थी । उसकी हरकतों की वजह से मंजू अनिल को छोड़ कर मायके में रहने लगी थी।

अनिल के पिता बद्री प्रसाद भी अनिल की हरकतों से अजीज होकर गांव छोड़ कर चले गए थे। पत्नी और पिता जब उसे छोड़ कर चले गए तो उसकी मानसिक स्थिति और भी बिगड़ गई थी । जिसकी वजह से वो ग्रामीणों के साथ गाली गलौच करता रहता था।

मृतक अनिल के पड़ोस में रहने वाले परशुराम उर्फ़ परसोले के परिवार को अनिल की गाली गलौच की हरकते नागवार गुजर रही थी। परशुराम ने तीन दिन पहले डायल 100 से अनिल को पकड़वाया था।

जब अनिल रविवार को थाने से छूट कर आया तो परशुराम और उसके परिवार को गलिया बक रहा था। तभी परशुराम और उसका भाई दिनेश समेत आधा दर्जन लोगों ने लाठी डंडा लेकर उसे दौड़ा लिया।

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अनिल जान बचा कर खेतों की तरफ भागा गया । लेकिन परशुराम और उसके परिवार ने उसे खेतों पर दबोच लिया । इसके बाद उसे लात ,घूंसे और लाठी डंडे से जमकर पिटाई की। जब अनिल बेहोश जाता था तो उस पर पानी डाल कर होश में लाते थे।

इसके बाद फिर उसे पीटना शुरू कर देते थे। रविवार की आधी रात तक ये सिलसिला चलता रहा। दबंगों ने मरणासन्न हालत में गांव के बाहर फेंक दिया था।

कोई भी ग्रामीण ये हिम्मत नहीं जुटा पाया कि युवक को दबंगों के चुंगल से छुड़ा ले । दरअसल परशुराम और उसके भाई दिनेश में दो दशक पहले हत्या का आरोप था।

पूरे गांव में परशुराम के खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी में नहीं है। उनकी दबंगई की वजह से गांव के लोग भी परेशान है। इसके साथ ही सजेती थाने के कुछ सिपाहियों से उनकी अच्छी पैठ है । जिसकी वजह से ग्रामीण उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाते है।

एसपी ग्रामीण प्रदुमन सिंह के मुताबिक एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना प्रकाश में आई है । जिसमे एक 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी जिसकी वजह से दिनेश के घर पर पत्थर फेकता था। जिसमें उसकी 151 में गिरफ़्तारी हुई थी।

रविवार को जब वो छूटा तो उसने फिर से उनके घर पर पत्थर फेंके थे । जिसमे परसुराम और दिनेश समेत कई लोगों ने उसको लाठी डंडे से पिटाई की जिसमे उसकी मौत हो गई । आरोपियों के खिलाफ 304 के तहत कार्यवाई की गई है।

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