आगरा: केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र को हाईटेक बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन देकर सभी कार्यों को ऑनलाइन किया जाएगा। अभी उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में इसके तहत कार्य किया जा रहा है। कार्यकर्ता बच्चों की उपस्थिति से लेकर अन्य आंकड़े ऑनलाइन भेजेंगी और उच्चाधिकारी भी उनसे सीधे संपर्क में रहकर जरूरी निर्देश देंगे। इसके लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदेश की योगी सरकार जल्द स्मार्टफोन मुहैया कराने जा रही है।
कुपोषित बच्चों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में दर्ज बच्चों की संख्या भी कम हो रही है। पालक अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसे देखते हुए अब केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर नजर रखने की योजना बनाई है। इसी कड़ी में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक बनाया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी के सभी कामों को ऑनलाइन किया जाएगा। एप के माध्यम से जानकारियां अपलोड की जाएंगी।
इन जिलों में पहले लागू होगी योजना
पहले चरण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिया जाएगा। इसे कॉमन एप्लिकेशन सोफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में यह प्रणाली उन 40 जिलों में पहले लागू होगी, जो कुपोषण से गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इसके लिए 54,000 स्मार्टफोन पहले ही खरीदे गए हैं। जल्द इनका वितरण शुरू होगा।
ये कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी
इस संबंध में आगरा के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया, कि 'विभाग आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन के साथ लैस करने की योजना पर काम कर रहा है। यह योजना कुपोषण की उच्च दर वाले जिलों में एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) के बेहतर कार्यान्वयन के लिए सशक्तिकरण और पोषण सुधार कार्यक्रम (आईएसएसएनआईपी) का एक घटक है।'
अब पता चल पाएगा, कहां रही दिक्कतें
उन्होंने बताया, कि 'कुपोषण दूर करने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी कुपोषण मुक्ति में उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिल रही है। वहीं, अब हाईटेक होने के बाद सरकार को यह पता चल पाएगा कि कहां पर दिक्कत पेश आ रही है। अध्ययन के बाद इन दिक्कतों को दूर करते हुए कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।'
आंगनवाड़ी केंद्र ठीक से नहीं चलने की मिल रही शिकायतें
दरअसल, आंगनवाड़ी केंद्रों की ठीक ढंग से ना चलने की लगातार शिकायतें मिलती रहती है। कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने और धन के दुरुपयोग के मामले में बड़े पैमाने पर बढ़ रहे हैं।स्मार्ट फोन से लैश होने के बाद कार्यकर्ताओं को अपने आंगनबाड़ी से संबंधित जानकारी जिला कार्यालय के साथ ही केंद्र सरकार को भेजनी होगी। इसके लिए एक विशेष एप भी तैयार किया जा रहा है।