UP News:अब यूपी में स्कूल, मदरसों और शिक्षण संस्थाओं की होगी जांच, टीम परखेगी हकीकत

UP News:जांच टीम स्कूलों, मदरसों और कालेजों में जाकर वहां यह परखेगी की यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का जीवन सुरक्षित है या नहीं? उनके किसी आपदा का शिकार होने की कोई आशंका तो नहीं है। यहां छात्र-छात्राएं कानून-व्यवस्था के नजरिये से सुरक्षित हैं अथवा नहीं के साथ ही जांच टीम कई बिंदुओं पर स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं की जांच करेगी।

Report :  Network
Update:2024-10-05 12:34 IST

UP News (Pic:Social Media)

UP News: स्कूलों, मदरसों और शिक्षण संस्थाओं में सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब उत्तर प्रदेश में स्कूल, मदरसों और शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा की जांच की जाएगी। यूपी सरकार ने स्कूलों में सुरक्षा जांच का विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। जांच टीम स्कूलों, मदरसों और कालेजों में जाकर वहां यह परखेगी की यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का जीवन सुरक्षित है या नहीं? उनके किसी आपदा का शिकार होने की कोई आशंका तो नहीं है। यहां छात्र-छात्राएं कानून-व्यवस्था के नजरिये से सुरक्षित हैं अथवा नहीं के साथ ही जांच टीम कई बिंदुओं पर स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं की जांच करेगी।

इसके लिए सरकार ने स्कूलों में सुरक्षा जांच का विशेष अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके तहत यूपी के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों व मदरसों के भवनों की नेशनल बिल्डिंग कोड-2005 के मानकों के आधार पर जांच की जाएंगी।

सभी प्रमुख सचिवों को जारी किए निर्देश

उत्तर प्रदेश शासन ने इस संबंध में बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा सहित समाज कल्याण तथा अल्पसंख्यक कल्याण के प्रमुख सचिवों के अलावा प्रदेश के सभी जिलाधिकारी एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के अध्यक्षों समेत स्कूल शिक्षा महानिदेशक एवं विभिन्न शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी किया है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन ने 2016 में स्कूल सुरक्षा नीति जारी की थी

बता दें कि केन्द्र सरकार की ओर से स्कूलों या अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की परोक्ष एवं अपरोक्ष सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन ने 2016 में स्कूल सुरक्षा नीति जारी की थी। इसे पूरे देश के शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाना था, लेकिन इस पर गंभीरता से अमल नहीं होने पर इसको लेकर पहले हाईकोर्ट और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई।

सरकार ने जारी किया सर्कुलर

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब सरकार ने इस पर सभी पक्षों के नाम सर्कुलर जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि प्राइमरी स्कूलों से लेकर माध्यमिक, महाविद्यालयों के साथ-साथ समाज कल्याण विभाग के स्कूलों व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मदरसों समेत सभी बोर्डों के स्कूलों में स्कूल सुरक्षा नीति संबंधी दिशा-निर्देशों व सभी बिन्दुओं की जांच की जाए और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।

जिम्मेदारों को दी चेतावनी

शासन के निर्देश में सभी जिम्मेदार अधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि अगर उनके निरीक्षण व जांच के बाद किसी भी शिक्षण संस्थान में मानवीय त्रुटियां पाई गईं और उसके चलते किसी प्रकार का कोई हादसा होता है तो संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर निजी व स्ववित्त पोषित शिक्षण संस्थानों के मामले में संबंधित शिक्षण संस्थान के प्रबन्धक को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माना जाएगा।

इन बिन्दुओं की होगी जांच-

- नेशनल बिल्डिंग कोड 12005 के तहत स्कूलों के भवन की स्थिति कैसी है!

- कहीं स्कूल भवन जर्जर और क्षतिग्रस्त तो नहीं है!

- स्कूलों में लगे अग्निशमन संबंधी उपकरण प्रणाली की क्या स्थिति है, ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं!

- स्कूलों के चारों ओर पर्याप्त ऊंचाई के सुरक्षा बाउन्ड्रीवाल है या नहीं!

- स्कूलों में सीढ़ियां और परिसर में आवागमन के लिए सुरक्षित और सुगम रास्ते हैं या नहीं!

- वहां लगे बिजली के उपकरण सुरक्षित हैं या नहीं!

- कहीं स्कूलों पर या आसपास बिजली के खुले तार तो नहीं लकट रहे! या हाइटेनशन अथवा लोटेनशन तार तो भवन या परिसर के ऊपर से नहीं गुजर रही है!

- स्कूलों के फर्नीचर, प्रयोगशाला और उनमें रखे रसायन सुरक्षित है या नहीं!

- स्कूलों के खेल के मैदान खेल के लिए सुरक्षित है या नहीं?

- कानून-व्यवस्था की दृष्टि से शिक्षण संस्थानों में सुरक्षित माहौल है या नहीं!

- स्कूलों के अन्दर-बाहर बच्चों के सुव्यवस्थित यातयात के लिए वैन ड्राइवर एवं एम्बुलेन्स का आवागम सुगम है या नहीं।

-प्राथमिक उपचार के साजोझसामान वहां उपलब्ध है या नहीं!

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