Sonbhadra News: कुपोषण से जंग के लिए 30 को आयोजित होगी पोषण पाठशाला, प्रमुख सचिव लेंगे क्लास
Sonbhadra News: जनपद सोनभद्र में कुपोषण (malnutrition) के खिलाफ लड़ी जा रही जंग के क्रम में 30 मई को शासन की तरफ से पोषण पाठशाला आयोजित की जाएगी।
Sonbhadra News: जनपद सोनभद्र में कुपोषण (malnutrition) के खिलाफ लड़ी जा रही जंग के क्रम में 30 मई को शासन की तरफ से पोषण पाठशाला आयोजित की जाएगी। इसके जरिए प्रमुख सचिव और विशेषज्ञों की तरफ से, नवजात शिशु के लिए मां का दूध ( important breast milk for newborn) कितना महत्वपूर्ण है, इसकी जानकारी दी जाएगी।
वहीं शिशुओं के पोषण से जुड़े टिप्स और इससे जुड़ी जानकारियों को अधिकारियों, कर्मियों, कार्यकर्तियों और लाभार्थियों के साथ साझा किया जाएगा। प्रमुख सचिव इस दौरान पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर देंगे। इस पाठशाला की आम जनता के बीच भी ज्यादा से ज्यादा पहुंच हो, इसके लिए वेब लिंक https://webcast.gov.in/up/icds के जरिए कार्यक्रम का लाइव बेबकास्ट भी कराया जाएगा।
बच्चों के पोषण की सही जानकारी देने के लिए 'पोषण पाठशाला' का आयोजन
जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने पाठशाला और इससे जुड़ी योजनाओं का जिक्र करते हुए आईसीडीएस विभाग ने लाभार्थियों और आम जनता को विभाग की सेवा, पोषण प्रबंधन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा (nutrition education) आदि के संबंध में जागरूक करने और बच्चों के पोषण की सही जानकारी देने के लिए 'पोषण पाठशाला' आयोजित करने का निर्णय शासन की तरफ से लिया गया है।
इस पाठशाला की अगुवाई प्रमुख सचिव बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा की जाएगी। उनकी अध्यक्षता में होने वाले इस आयोजन का क्रियान्वयन 30 जून को एनआईसी के माध्यम से दोपहर बारह बजे से दो बजे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराया जाएगा। कार्यक्रम की मुख्य थीम 'प्रभावी स्तनपान के लिए सही तकनीक' रखी गई है।
छह माह तक सिर्फ स्तनपाल जरूरी
पाठशाला के दौरान विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न विषय विशेषज्ञ मां के जन्म के बाद पहला आहार मां का दूध कितना महत्व रखता है? छह माह तक सिर्फ स्तनपाल ही क्यूं जरूरी है? आदि मसलों पर विस्तृत जानकारी देंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाले इस कार्यक्रम में लाभार्थियों एवं अन्य द्वारा जो भी प्रश्न पूछे जाएंगे, उसका विशेषज्ञों द्वारा उत्तर दिया जाएगा।
बताया गया कि लाइव वेबकास्ट के लिए जो लिंक उपलब्ध कराया जा रहा है, उसके जरिए कोई भी लाभार्थी, आम जनमानस कार्यक्रम से जुड सकता है और पोषण शिक्षा के कार्यक्रम से लाभान्वित हो सकता है। इस कार्यक्रम से ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हों, इसके लिए जिले की सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती, आशा, आशा संगिनी को इससे जुड़ने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में जिले में लगभग 15 सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ती कार्यरत हैं।