ओमप्रकाश राजभर को शराबबंदी का प्रस्ताव कैबिनेट में रखना चाहिए था- जय प्रताप सिंह

Update: 2018-06-08 15:10 GMT

मेरठ: प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को उत्तर प्रदेश में शराबबंदी का प्रस्ताव कैबिनेट में रखना चाहिए था। दुर्भाग्यवश उन्होंने इतना गंभीर मुद्दा कैबिनेट में नहीं रखा और न ही मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराया।

यदि वह कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखते तो उस पर गंभीरता से विचार होता। आज यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने के बजाए उन्हें कैबिनेट में रखा जाना चाहिए था। उन्होंने मंत्री ओमप्रकाश राजभर द्वारा की जाने वाली टीका टिप्पणियों को लेकर अनुभव की कमी भी बताया।

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कानपुर में जहरीली शराब से हुई मौत के मामले में मंत्री ने कहा कि कानपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है। विभाग के अधिकारियों इंस्पेक्टर आदि के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना ना हो। हरियाणा से तस्करी कर लाई जा रही शराब के बारे में मंत्री ने कहा कि इस बारे में भी हरियाणा के मुख्यमंत्री से यूपी के मुख्यमंत्री की बातचीत हुई है। दोनों की सहमति से कोई ना कोई हल निकाला जाएगा। ताकि हरियाणा से शराब की तस्करी न की जा सके ऐसा होने से उत्तर प्रदेश का राजस्व भी बढ़ेगा।

मथुरा समेत प्रदेश की अन्य तीर्थ नगरी बनारस आदि में शराब की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है, वहा विकास प्राधिकरण के एक क्षेत्र विशेष में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बचत भवन में मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद व बरेली मंडल की समीक्षा की। बैठक में आबकारी आयुक्त धीरज साहू मौजूद रहे।

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