हाथरस DM के रहते निष्पक्ष जांच कैसे, परिवार को है खतरा, मायावती ने उठाया सवाल

बसपा सुप्रीमों मायावती ने रविवार सुबह ट्वीट कर कहा कि हाथरस गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिलें के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाये है, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुखद व अति चिन्ताजनक।

Update: 2020-10-04 04:49 GMT
पीड़ित परिवार को धमकाने वाले डीएम के रहते कैसे हो सकती है निष्पक्ष जांच: मायावती (social media)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हाथरस गैंगरेप काण्ड में यूपी सरकार द्वारा सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर दिए है। मायावती ने सीबीआई जांच की सिफारिश पर आशंका जताई है कि पीड़ित परिवार को धमकाने के आरोपी हाथरस के जिलाधिकारी के वहां तैनात रहते इस मामलें की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है।

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बसपा सुप्रीमों मायावती ने रविवार सुबह ट्वीट कर कहा

बसपा सुप्रीमों मायावती ने रविवार सुबह ट्वीट कर कहा कि हाथरस गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार ने जिलें के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाये है, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुखद व अति चिन्ताजनक। हालांकि सरकार सीबीआइ जांच हेतु राजी हुई है किन्तु उस डीएम के वहां रहते इस मामलें की निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? लोग आशंकित।



इससे पहले इस मामलें में लगातार सक्रिय रही मायावती ने शनिवार को यूपी सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी। शनिवार को किए अपने टवी्ट में बसपा सुप्रीमों ने कहा था कि हाथरस जघन्य गैंगरेप कांड को लेकर पूरे देश में जबरदस्त आक्रोश है। इसकी शुरूआती आई जांच रिपोर्ट से जनता संतुष्ट नहीं लगती है। अतः इस मामलें की सीबीआई से या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए। बीएसपी की यह मांग। शनिवार को ही एक अन्य टवी्ट में मायावती ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी इस मामलें में हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा था कि साथ ही देश के राष्ट्रपति यूपी से आते है व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में खासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रख कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दखल देने की भी उनसे पुरजोर अपील।

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जिला प्रशासन ने बच्ची के गांव में धारा-144 लागू करके सभी के आने जाने पर रोक लगा दी थी

बता दे कि हाथरस में एक दलित बच्ची के दुष्कर्म के बाद उसकी मौत और बगैर परिजनों की रजामंदी के किए गए अंतिम संस्कार को लेकर सभी विपक्षी दल द्वारा यूपी की योगी सरकार की घेरेबंदी के कारण स्थानीय जिला प्रशासन ने बच्ची के गांव में धारा-144 लागू करके सभी के आने जाने पर रोक लगा दी थी। जिस पर स्थानीय जिला प्रशासन की चहुओर आलोचना हुई थी और भाजपा के ही कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जिला प्रशासन के इस कदम को गलत ठहराया था। जिसके बाद यूपी की योगी सरकार ने हाथरस के पुलिस कप्तान समेत कुछ अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया था। जबकि शनिवार को यूपी सरकार ने पीड़िता के गांव में मीडिया को जाने की अनुमति देते हुए इस मामलें की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था।

मनीष श्रीवास्तव

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