एक बार फिर स्वच्छता सर्वेक्षण में फिसड्डी साबित हुआ यूपी, इंदौर तीसरी बार बना सबसे साफ़ शहर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के नतीजे जारी किए। इनमें मध्य प्रदेश के शहरों ने बाजी मारी है। इंदौर लगातार तीसरी बार सबसे साफ शहर बना है।

Update: 2019-03-06 13:30 GMT

लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के नतीजे जारी किए। इनमें मध्य प्रदेश के शहरों ने बाजी मारी है। इंदौर लगातार तीसरी बार सबसे साफ शहर बना है। वहीं हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद साफ़ सफाई में यूपी का प्रयागराज और लखनऊ समेत बाकी जिले काफी पिछड़ गये है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रयागराज को 141 वां नम्बर मिला है। जबकि लखनऊ 121 नंबर पर है। यूपी के बाकी जिले भी इस बार कुछ खास नहीं कर पाए है। बात करे पीएम के संसदीय खेत्र वाराणसी की तो यहां की स्थिति भी काफी खराब है। वाराणसी को स्वच्छता सर्वेक्षण में 70 वां स्थान मिला है।

सर्वेक्षण में इंदौर को सबसे साफ शहर पाया गया है। वहीं, उज्जैन सबसे साफ मध्यम शहर (3-10 लाख आबादी) और भोपाल सबसे साफ राजधानी बना है। वहीं अहमदाबाद सबसे साफ बड़ा शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी वाला) बना है और सबसे साफ छोटे शहर (1-3 लाख आबादी) का खिताब NDMC (नई दिल्ली महानगर पालिका) को मिला है।

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70 कैटेगरी में दिए गए पुरस्कार

स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के तहत कुल 70 कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए। सबसे स्वच्छ शहर के साथ ही स्टार रैकिंग और जीरो वेस्ट मैनेजमेंट का पुरस्कार भी इंदौर को मिला। वहीं, मध्यप्रदेश को कुल 19 पुरस्कार मिले हैं। सर्वेक्षण में टॉप करने के चलते इंदौर को सफाई के लिए अब विशेष अनुदान मिलेगा। पिछली बार 20 करोड़ रुपए इंदौर को मिला था।

छत्तीसगढ़ आगे

दिल्ली कैंट को इसके अलावा सबसे साफ कैंट का दर्जा भी मिला है। उत्तराखंड के गोचर को सबसे साफ गंगा शहर पाया गया है। राज्यों की लिस्ट में टॉप पर जहां छत्तीसगढ़ है, वहीं झारखंड दूसरे और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है। बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 28 दिन में 4,237 शहरों में पेपरलेस और डिजिटल फॉर्मेट में किया गया। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीपहरदीप सूरी ने बताया कि शहरों ने सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अपने नए तरीके अपने हैं।

राष्ट्रपति ने कुंभ को सराहा

सूरी ने बताया कि 370 से ज्यादा शहर अपने 80% वॉर्ड्स में वेस्ट सेग्रिगेशन करते हैं और अनौपचारिक कूड़ा बीनने वाले 84,000 लोगों को रोजगार मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुए कुंभ मेले की तारीफ की और कहा कि लगभग 1,20,000 शौचालयों की व्यवस्था के साथ-साथ, कूड़ा-कचरा लगातार साफ करने के लिए जो कार्य वहाा किया गया है, उसे अनेक देशों में सराहा जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रयाग-कुंभ से सीख लेकर, बड़े समारोहों के आयोजक स्वच्छता पर अधिक ध्यान देंगे।

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छत्तीसगढ़ उत्कृष्ट स्वच्छता वाले राज्यों में उभरा

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र राज्य भी स्वच्छता के संदर्भ में तेजी से उभरे हैं। इन तीनों राज्यों को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट्स का पुरस्कार मिला है। छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है जबकि दूसरे नंबर पर झारखंड और फिर महाराष्ट्र का नंबर है।

ये है इंदौर के नंबर 1 बनने के पीछे की कहानी

2014 तक इंदौर देश में सफाई के मामले में 149वें नंबर पर था। लेकिन, अब स्वच्छता का ब्रांड बन चुका है। देश में नंबर-1 बनने के बाद देश के 300 शहरों के प्रतिनिधियों ने इंदौर की सफाई सिस्टम को देख चुके हैं। 100 से ज्यादा नगरीय निकायों ने इंदौर की केस स्टडी भी बुलवाई। इसमें जम्मू-कश्मीर से लेकर चेन्नई, पूणे, बेंगलुरु, जयपुर शामिल है।

देश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए। 100% कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान।

कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन। 29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम।देश के पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट। इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है।

पहला शहर, जहां लाखों लोगों की मौजूदगी के दो जीरो वेस्ट इवेंट हुए।

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