लखनऊ: नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी आतंकियों को बचाने के लिए एक करोड़ की रिश्वत डील का आरोप झेल रहे आईजी ने खुद को निर्दोष बताया है। प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार से मुलाक़ात करने पहुंचे पुलिस महानिरीक्षक स्पेशल टास्क फ़ोर्स अमिताभ यश ने कहा, कि मेरे ऊपर लगे आरोप गलत हैं।
इससे पहले यूपी पुलिस के मुखिया सुलखान सिंह ने कहा था, कि 'इस पूरे मामले की जांच एडीजी क़ानून व्यवस्था को सौंपी गई है। जब तक जांच नहीं पूरी होती आरोपी आईजी को नहीं हटाया जाएगा।'
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आरोपी आईजी एसटीएफ ने खुद को बताया निर्दोष
यूपी पुलिस के आरोपी आईजी एसटीएफ अमिताभ यश खुद अपनी सफाई पेश करने के लिए प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार के यहां पहुंच गए हैं। प्रमुख सचिव गृह से मुलाक़ात से पहले आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए खुद को निर्दोष बताया। कहा, कि 'मेरे ऊपर जो भी आरोप लग रहे हैं वो गलत हैं।' इस दौरान साज़िश के सवाल पर अमिताभ यश मीडिया से ही उलटा सवाल करते नज़र आए कि किस चीज़ की साज़िश।
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एडीजी क़ानून व्यवस्था को मिला जांच का ज़िम्मा
इससे पहले प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार और पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने इस पूरे मामले पर सीएम से मुलाक़ात कर संबंधित तथ्य पेश किए। पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने कहा, कि 'पूरा मामला सीएम के संज्ञान में है। इस मामले की जांच अपर पुलिस महानिदेशक क़ानून-व्यवस्था आनन्द कुमार को सौंपी गई है।'
यहां पर यह भी बता देना आवश्यक है कि आईजी एसटीएफ अमिताभ यश पर एक करोड़ में डील करने का आरोप लगा है और आनन्द कुमार एडीजी क़ानून व्यवस्था के साथ-साथ एडीजी एसटीएफ भी हैं।
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एसटीएफ ने प्रेस नोट जारी कर दी सफाई
यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश पर आतंकियों को बचाने के लिए एक करोड़ की रिश्वत डील का आरोप लगने के बाद आईपीएस अफसरों के साथ ही एसटीएफ में भी खलबली मची है। एसटीएफ की तरफ से प्रेस नोट जारी कर सफाई पेश की गई है। आईजी एसटीएफ पर 2 लाख के इनामी गुरुप्रीत सिंह उर्फ़ गोपी घनश्यामपुरा को 1 करोड़ की रिश्वत लेकर छोड़ने की खबर पंजाब के अखबारों में छपी है। एसटीएफ ने कहा है कि इस नाम के किसी भी आतंकी को एसटीएफ की किसी भी यूनिट या टीम ने नहीं पकड़ा है। प्रेस नोट में कहा गया है कि एसटीएफ की साख पर चोट पहुंचाने के लिए इस तरह की भ्रामक और सत्य से परे समाचार प्रकाशित किये गए हैं।
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आरोप सही हुए तो होगी कार्रवाई
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश पर लग रहे आरोप अगर जांच में सही साबित हुए तो निलंबन की कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस मामले को गरमाते देख आईपीएस एसोसिएशन ने भी इसे गंभीरता से लिया है। एसोसिएशन का कहना है कि मामले के देखते हुए जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, उठाए जाएंगे।