लॉकडाउन के एक साल: खाकी को खूब मिली दुआ, 112-यूपी ने ऐसे की लोगों की मदद
मेरठ से एक बुजुर्ग महिला ने कॉल किया। 112 कंट्रोल रूम ने बुजुर्ग महिला से कॉल करने की वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि घर में राशन खत्म हो गया है, खाने के लिए कुछ भी नहीं है। एक बेटा है, लेकिन उसकी भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
लखनऊ: देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को एक साल पूरे हो गए हैं। देशभर से लॉकडाउन के समय कई मार्मिक कहानियां सामने आईं। जिन पुलिसवालों के पास लोग जाते डरते थे, उनमें लोगों को अचानक भगवान का रूप दिखने लगा। अपराधियों के पीछे भागने वाली पुलिस बीमारों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर, घर-घर दवा-राशन पहुंचाने के काम में जुट गई। 23-24 मार्च 2020 की आधी रात से लगे लॉकडाउन से करीब सात घंट पहले शाम पांच बजे 112-यूपी पर एक एक कॉल आई थी जिसे यूपी पुलिस हमेशा याद रखेगी।
मेरठ से बुजुर्ग महिला ने की कॉल, PRV ने तुरंत की मदद
मेरठ से एक बुजुर्ग महिला ने कॉल किया। 112 कंट्रोल रूम ने बुजुर्ग महिला से कॉल करने की वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि घर में राशन खत्म हो गया है, खाने के लिए कुछ भी नहीं है। एक बेटा है, लेकिन उसकी भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। सूचना मिलते ही पीआरवी 3780 पर तैनात कॉन्स्टेबल शिवकुमार और होमगार्ड प्रवीण कुमार मौके पर गए।
बुजुर्ग के घर की हालत देखते हुए दोनों पीआरवी कर्मियों ने मानवता का परिचय देते हुए तत्काल आटा, दाल, चीनी, चाय की पत्ती, बिस्कुट सहित कुछ अन्य जरूरत का सामान अपने पास से खरीदकर महिला को दिया। इस कॉल के कुछ घंटे बाद ही 112 पर कई अन्य जिलों से भी इस तरह की कॉल आने का सिलसिला शुरू हो गया।
...और धीरे-धीरे कारवां बनता गया
लॉकडाउन शुरू होते ही सीएम योगी ने प्रदेश के लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने की जिम्मेदारी 112-यूपी को सौंपी थी। खाना/राशन के साथ-साथ दवाई, गैस सिलेंडर, दूध और बेबी फूड जैसी तमाम जरूरी चीजों के लिए 112-यूपी पर कॉल कर लोगों ने मदद लेना शुरू किया। जरूरतमंद लोगों तक तक खाना/राशन पहुंचाने में प्रशासन और समाजसेवियों ने भी हाथ बढ़ाया। दो महीने में 112-यूपी ने दो लाख से ज्यादा जरूरतमंदों तक खाना/राशन और करीब 55 हजार लोगों तक दवाई और अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुओं को पहुंचाया था।
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जागरूक नागरिकों ने की संक्रमण रोकने में मदद
संक्रमण की रोकथाम में जागरूक नागरिकों ने भी पुलिस एवं प्रशासन की पूरी मदद की। प्रदेश भर में संदिग्ध संक्रमितों के बारे में 154299 लोगों ने 112-यूपी को जानकारी दी। संक्रमण से बेपरवाह लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने, खुले में खेलने आदि की भी सैकड़ों सूचनाएं 112 को देकर सजग नागरिक होने का परिचय प्रदेश के लोगों ने दिया।
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मदद पहुंचाना थी गंभीर चुनौती
फ्रंट लाइन वर्कर के तौर पर 112-UP की पीआरवी कर्मियों के सामने लॉकडाउन एक चुनौती के रूप में था। लोगों को उनके घर तक आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाना, लॉकडाउन का पालन करवाना और इसके साथ साथ खुद को संक्रमण से बचाए रखना पीआरवी कर्मियों के सामने एक चुनौती भरा लक्ष्य था। इस चुनौती का भी 112 कर्मियों ने सूझबूझ और हिम्मत के साथ सामना किया।