इलाहाबाद HC: हाईकोर्ट की अधिकृत वेबसाइट के आदेश ही स्वीकार्यःत्रिपाठी

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एन.त्रिपाठी ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि वह महानिबंधक को सर्कुलर जारी करने का आदेश दे कि हाईकोर्ट की अधिकृत वेबसाइट पर स्थित कोर्ट के आदेशों की प्रति भी अधीनस्थ न्यायालय में अन्तरिम तौर पर स्वीकार की जाए। अभी कोर्ट वादी से आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि मांगती है।

Update: 2018-12-06 13:36 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एन.त्रिपाठी ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि वह महानिबंधक को सर्कुलर जारी करने का आदेश दे कि हाईकोर्ट की अधिकृत वेबसाइट पर स्थित कोर्ट के आदेशों की प्रति भी अधीनस्थ न्यायालय में अन्तरिम तौर पर स्वीकार की जाए। अभी कोर्ट वादी से आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि मांगती है।

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हाईकोर्ट वेबसाइट पर लोड आदेश की प्रति बेस्ट पेपर माना जा रहा है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि बाम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रवीन्द्र भूमे ने 2008 में ही औरंगाबाद खण्डपीठ ने बैठकर फैसला दिया है कि कोर्ट की अधिकारिक वेबसाइट पर स्थित आदेश स्वीकार्य है किन्तु उत्तर प्रदेश में इसे नहीं माना जा रहा है। आफिशियल वेबसाइट पर दस्तावेज विश्वसनीय होते हैं जिसे किसी कोर्ट या अथारिटी द्वारा न मानना औचित्यहीन है। इसलिए महानिबंधक को इस आशय का सर्कुलर जारी कर निर्देश देना चाहिए।

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