एटा में DM कार्यालय पर धरने पर बैठे BJP के तीन विधायक, मतगणना में लगाया धांधली का आरोप
बीजेपी नेताओं ने वार्ड संख्या 10 और 12 में गलत ढंग से सपा प्रत्याशी को जिताने के आरोप लगाए हैं।;
एटा: जिला पंचायत की मतगणना में धांधली के आरोप लगाकर भाजपा के विधायक सहित तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। बीजेपी नेताओं ने वार्ड संख्या 10 और 12 में गलत ढंग से सपा प्रत्याशी को जिताने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही वार्डों की मतगणना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं।
भाजपा के तीन विधायक समेत अन्य पदाधिकारियों ने देर शाम कलक्ट्रेट में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। सभी वार्डों की पुनर्मतगणना कराने की मांग रखी है। देर शाम तक वहां हंगामे की स्थिति मची हुई थी।
भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप जैन ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सपा नेताओं व प्रत्याशियों से जिला प्रशासन ने सांठगांठ करके भाजपा प्रत्याशियों को हराने का षड्यंत्र रचा। इसकी वजह से एटा में भाजपा प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा। उन्होंने कहा कि वार्ड संख्या 10 की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी को जिला प्रशासन ने जान बूझकर हरा दिया जिसमें मतगणना के समय भाजपा प्रत्याशी के 68 वोट थे, लेकिन 7 वोट गायब कर दिये गये और 68 के स्थान पर 61 गिने गये और उसे हरा दिया गया है।
उन्होंने जिताये गये प्रत्याशी को जीत का प्रमाणपत्र भी गिनती से पहले ही जारी कर दिया गया जो चोरी हमने पकड़ ली है। जिलाधिकारी अपनी गलती सुधारें और वार्ड 10 के प्रत्याशी गजेन्द्र पाल धनगर को जितायें हम एटा चुनाव प्रभारी मंत्री जी के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
धरने में प्रमुख रूप से दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री /प्रभारी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एटा धर्म वीर प्रजापति विधायक मारहरा वीरेंद्र सिंह, विधायक अलीगंज सत्यपाल राठौर, विधायक जलेसर संजीव दिवाकर, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप जैन, वार्ड 12 की प्रत्याशी पति दर्शन पाल, वार्ड 10 के प्रत्याशी गजेन्द्र पाल धनगर तथा भाजपा की जिला कार्यकारिणी के सदस्य पदाधिकारी भी धरने पर बैठे हुए हैं।
भाजपा प्रभारी मंत्री सहित विधायकों के धरने पर बैठने की खबर पर जिलाधिकारी विभा चहल व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सहित भारी संख्या में अधिकारी व पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। समाचार लिखे जाने तक दोनों ओर से वार्ता चल रही थी किन्तु जिलाधिकारी पुनः मतगणना कराने को तैयार नहीं हैं।