UP Meat Ban: मांस बिक्री पर लगी पाबंदी हटने से बवाल, मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारी नपेंगे
UP Meat Ban: , प्रदेश के 45 जिलों में मांस बिक्री की अनुमति देने का आदेश 22 सितंबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम द्वारा जारी किया गया था। 12 दिन बाद जब ये बात शीर्ष स्तर पर पहुंची तो हड़कंप मच गया।
UP Meat Ban: यूपी के प्रशासनिक हलकों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक फैसले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। बोर्ड ने प्रदेश के 45 जिलों में आठ स्लाटर हाउस (पशुवध शाला) को मांस बिक्री की अनुमति दे दी। इन जिलों में प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या भी शामिल है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं अयोध्या समेत प्रदेश के अन्य धार्मिक महत्व के शहरों में मांस-मदिरा बेचने पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। ऐसे में अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम के खिलाफ शासन कार्रवाई करने जा रहा है, क्योंकि उन्होंने ने ही अनुमति जारी की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के 45 जिलों में मांस बिक्री की अनुमति देने का आदेश 22 सितंबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम द्वारा जारी किया गया था। 12 दिन बाद जब ये बात शीर्ष स्तर पर पहुंची तो हड़कंप मच गया। अब एसीएस (अपर मुख्य सचिव) अनिता सिंह ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। एसीएस ने मांस बिक्री के आदेश को रद्द करने और विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं।
अयोध्या में मांस बिक्री पर है बैन
प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में काफी समय से मांस कि बिक्री पर बैन लगा हुआ है। पिछले दिनों मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम ने यहां बरेली की कंपनी मारिया फ्रोजन फूड प्रोडक्टस प्राइवेट लिमिटेड को मांस बिक्री की अनुमति दे दी। कंपनी को अयोध्या के अलावा संतकबीरनगर, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, मुजफ्फरनगर, बरेली, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोण्डा और बाराबंकी में भी मांस बेचने की अनुमति मिल गई।
बता दें कि संगमनगरी प्रयागराज में धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसी प्रकार सीतापुर जिले के नैमिषारण्य में भी मीट और शराब बेचने पर पूरा प्रतिबंध लगा हुआ है। नैमिषारण्य प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ है।