परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद के बेटे की हुई मौत, नहीं मिल पाया ऑक्सीजन
कोरोना संक्रमण कानपुर में विकराल रूप लेता जा रहा है और संक्रमित मरीज की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
कानपुर उत्तर प्रदेश( Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur ) में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ कानपुर में विकराल रूप ले कर जा रहा है और संक्रमित मरीज की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है।लेकिन प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जा रहे हैं बड़े-बड़े दावे की पोल भी अब खुलती चली जा रहे हैं। ऐसा हम नहीं 1965 की लड़ाई में अपनी जान की परवाह न करते हुए छोटी सी सी गन माउंटेन जीप में बैठकर पाकिस्तान के खतरनाक पैटन टैंक तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन (61) का निधन हो गया है।
परिजनों ने हैलट अस्पताल की चरमरा चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था पोल खोल कर रख दी है और उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि हैलट प्रशासन को या जानकारी देने के बाद भी की अली हसन के पिता अब्दुल हमीद परमवीर चक्र से सम्मानित हुए थे और उन्होंने देश के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए दुश्मनों के ऊपर आक्रमण कर दिया था लेकिन फिर भी हालत प्रशासन ने उनकी एक न सुनी और ऑक्सीजन के सिलेंडर के लिए वह कहते कहते थक गए लेकिन अस्पताल में कोई इंतजाम नहीं किया गया।
3 दिन पहले हुए थे भर्ती
परमवीर चक्र से सम्मानित वीर अब्दुल हमीद मूलता गाजीपुर के रहने वाले हैं और उनके चार बेटे हैं जिसमें से दूसरे नंबर के बेटे अली हसन अपने परिवार के साथ कानपुर के सैयद नगर में रहते हैं और कुछ दिन पूर्व ही वह आर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) से सेवानिवृत्ति भी हुए हैं। वीर अब्दुल हमीद के नाती सलीम ने बताया कि 21 अप्रैल की रात उनके पिता को खांसी आना शुरू हुई और देखते ही देखते उनका ऑक्सीजन लेवल तेजी नीचे आ गया अपने पिता की बिगड़ती हालत देख सलीम अपने पिता को हैलट अस्पताल पहुंच गया। जहां कुछ दवाइयां व ऑक्सीजन मिलन से उनकी हालत में सुधार थोड़ा सुधार आ गया। लेकिन करीब 3 से 4 घंटे बाद डॉक्टरों ने ऑक्सीजन हटाा दी और जब सलीम ने इसका विरोध किया तो डॉक्टरों ने कहा कि अब उनकी हालत ठीक है अब उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है।
ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए करता रहा गुजारिश पर एक न सुनी
बेटे सलीम ने आरोप लगाया है कि ऑक्सीजन हटाने के बाद उनकेे पिता हालत फिर से बिगड़ गई और वह डॉक्टरों से ऑक्सीजन लगाने के लिए निवेदन करता रहा लेकिन उन्हेंं ऑक्सीजन सिलिंडर की सुविधा देने से इन्कार कर दिया गया।सलीम ने बताया कि उसने डॉक्टरों से बार-बार कहा कि उसकेे बाबा देश के लिए अपनी जान दांव पर लगाकर युद्ध लड़े थे कम से कम उनकी शहादत को याद करते हुए मेरेे पिता ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करा दें, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी एक न सुनी जिसके चलते ऑक्सीजन लेवल गिरता ही चला गया और शुक्रवार उनका निधन हो गया है। सलीम ने बताया कि वह डॉक्टरों से लगातार दो दिन तक कोरोना की जांच करवाने के लिए कहते रहे पर डॉक्टरों ने उनकी जांच भी नहीं करवाई जबकि जो दिक्कतें उनके पिता को हो रही थी वह सारी दिक्कतें कोरोना संक्रमण के लक्षणों में से एक थी।
क्या बोले जिम्मेदार
परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के नाती सलीम के द्वारा हैलट अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर खड़े किए गए सवालों को लेकर जब जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आर.बी. कमल से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो लगातार फोन मिलाने के बाद भी उनका फोन नहीं मिला जिसके चलते प्रिंसिपल से संपर्क नहीं हो पाया है।