बेटे को जंजीर से बांधकर रखते है मां बाप, जानें पूरा मामला

दिन भर बेटा जंजीरों से जकङा रहता है। परिवार के लोग जंजीरों से जकङे बेटे का हर फरमाईश का ख्याल भी रखते है। लेकिन जब बेटे को जंजीरों से बांधने के मामले पर परिवार से बात की तो कई कारण सामने आए।

Update: 2020-02-01 09:54 GMT

आसिफ अली

शाहजहांपुर: वैसे तो मां बाप अपनी औलाद को जिगर से लगाकर रखते है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाएंगे। जिसे देखकर आप हैरत मे पङ जाएंगे। यूपी के शाहजहांपुर में मां बाप 16 साल के बेटे को जंजीरों से बांधकर रखते है। दिन भर बेटा जंजीरों से जकङा रहता है। परिवार के लोग जंजीरों से जकङे बेटे का हर फरमाईश का ख्याल भी रखते है। लेकिन जब बेटे को जंजीरों से बांधने के मामले पर परिवार से बात की तो कई कारण सामने आए।

अचानक पागलों जैसी हरकते करने लगा बेटा

जंजीरों से बंधे इस बच्चे का नाम अनमोल है। बच्चे के पिता राम किशोर मेनहत मजदूरी करके परिवार का पेट पालते है। ये परिवार जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर सदर तहसील के सिमरिया सहसपुर गांव मे रहता है। करीब चार साल पहले अनमोल बिमार पङ गया। मां बाप ने उसका काफी इलाज कराया। लेकिन उसको कही से कुछ फायदा नही हुआ। धीरे धीरे बच्चा बिमारियों की जकङ मे आता गया और अचानक पागलों जैसी हरकते करने लगा था।

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इतना ही नही मानसिक रूप से कमजोर हो चुका बच्चा घर के बाहर लोगों को नुकसान पहुचाने लगा। घर के बाहर आने जाने वालों पर हमले करने लगा। जब लोगों ने इसकी शिकायत परिवार से की तो मजबूरी मे आकर मां बाप को दिल मजबूत करके अपने बच्चे को घर के अंदर जंजीरों से बांधकर रखना पड़ रहा है। कहते है औलाद जैसी भी हो, पर मां बाप कभी भी अपनी औलाद को परेशानी मे नही देखना चाहते है। जंजीरों से बांधने के बाद भी मां बाप बेटे को खाने से लेकर पानी और उसकी फरमाईश पूरी कर रहे हैं।

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मां बाप के पास इतना पैसा नही है कि...

वैसे तो सरकारी योजनाएं अक्सर गरीबों के लिए ही बनाई जाती है। लेकिन इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाया है। यही कारण है कि बिमार बच्चे का इलाज करने के बजाए मां बाप बेटे को जंजीरों से बांधकर रखने को मजबूर है। मजदूरी करके राम किशोर इतना पैसा नही कमा पाते है जिससे वह अपने बेटे का अच्छा इलाज करा पाए। कुछ जमा पूंजी थी जो इलाज पर खर्च हो चुकी है लेकिन अब मजबूर मां बाप के पास इतना पैसा नही है कि वह अपने बेटे का अच्छा इलाज बाहर करा सके।

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