Meerut News: कागज पर कंपनियां बनाकर GST की चोरी, यूपी की सौ से अधिक कंपनियां जांच एजेंसियों की रडार पर

Meerut News: कागज पर फर्म बना जीएसटी की चोरी की जा रही है। पहले व्यापारी ज्यादा माल को कम दिखाकर टैक्स चोरी करता था और अब बोगस फर्म से टैक्स चोरी की जा रही है।

Written By :  Sushil Kumar
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-08-26 13:35 IST

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) pic(social media)

Meerut News: सरकार का गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू करने के पीछे की मंशा टैक्स चोरी रोकना था। लेकिन आज भी जिम्मेदार टैक्स चोरी पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। आलम यह है कि कागज पर फर्म बना जीएसटी की चोरी की जा रही है। पहले व्यापारी ज्यादा माल को कम दिखाकर टैक्स चोरी करता था और अब बोगस फर्म से टैक्स चोरी की जा रही है। पिछले तीन वर्षों में करीब एक हजार बोगस फर्में केंद्रीय और राज्य जीएसटी की टीमें पकड़ चुकी हैं। मेरठ समेत पश्चिमी यूपी में सौ से अधिक कंपनियां जांच एजेंसियों की रडार पर हैं। सीजीएसटी सूत्रों ने बताया कि जिन फर्मों को रडार पर लिया गया है, उनमें से कई के बैंक खाते आईटीसी क्लेम लेने के बाद बंद हो गए।

 केंद्रीय व राज्य की जांच एजेंसियां करोड़ों की टैक्स चोरी के मामले पकड़ चुकी हैं pic(social media)

बता दें कि टैक्स चोर जीएसटी में अस्तित्वहीन फर्मों के सहारे खेल करने में लगे हैं। कागज पर फर्म बना जीएसटी की चोरी की जा रही है। जीएसटी के तहत इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) के जरिए फर्जी तरीके से क्लेम कर सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है। केंद्रीय व राज्य की जांच एजेंसियां करोड़ों की टैक्स चोरी के मामले पकड़ चुकी हैं। सर्वाधिक मामले मुरादाबाद और गाजियाबाद से सामने आए। पिछले तीन वर्षों में करीब एक हजार बोगस फर्में केंद्रीय और राज्य जीएसटी की टीमें पकड़ चुकी हैं। पिछले दिनों मेरठ जिले में जीएसटी के नाम पर 250 करोड़ रुपए का आईटीसी क्लेम लिया गया। क्लेम करने वाले संजय जैन को बाद में डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस गाजियाबाद द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

सूत्रों ने बताया कि फर्जीवाड़ा करके फर्मों का जीएसटी में पंजीकरण करा लिया जाता है। यह फर्में सिर्फ कागजों में होती हैं। फर्जी कंपनियां को सिर्फ कागजों में बनाते हैं। कंपनियों का कहीं कोई ऑफिस नहीं होता है। इसके बाद इन बोगस फर्मों से जालसाज बड़े पैमाने पर फर्जी टैक्स इनवॉइस तैयार करते हैं। इसके बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करते हैं। कामकाज के फर्जी बिल बनाए जाते हैं। बिना किसी लेन-देन के इन कंपनियों के नामों पर व्यापार दिखा कर टैक्स इनवॉइस तैयार कर लेते हैं। आईटीसी क्लेम के जरिए सरकार से रिफंड हासिल कर लेते हैं।एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 राज्य जीएसटी एसएस सिंह के अनुसार फर्जी फर्मों के जरिए आईटीसी क्लेम लेकर सरकार को चूना लगाने वाली फर्में निशाने पर हैं। जांच कर लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसी फर्मों के पंजीकरण रद्द किए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य जीएसटी टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी और उनसे फर्जीवाड़ा कर सरकार को राजस्व की लगाई चपत भी वसूल की जा रही है।

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