Navratri puja 2021: नवरात्र भक्तों पर भारी पड़ती महंगाई, पूजा सामग्री और फलाहार हुआ मंहगा
Navratri puja: मंहगाई का असर नवरात्रि की खरीददारी पर दिखाई दे रहा है। पूजन सामग्री से लेकर फलाहार तक पर महंगाई का असर दिखाई दे रहा है।
Navratri puja 2021: गुरुवार से शारदीय नवरात्र शुरु होने जा रहे हैं,जिसको लेकर बाजार व घरों में तैयारियां शुरु हो चुकी है। लोग मां के दरबार से लेकर श्रृंगार तक खरीदने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मंदिरों में साफ-सफाई के साथ ही बाजार में माता के श्रृंगार, पोशाक, मूर्ति, पूजन सामग्री आदि की दुकानों पर खरीददारों की चहल-पहल भी बढ़ गई है।
हालांकि मंहगाई का असर नवरात्रि की खरीददारी पर दिखाई दे रहा है। पूजन सामग्री से लेकर फलाहार तक पर महंगाई का असर दिखाई दे रहा है। मां की प्रतिमा पूजा की थाली, पोशाक, श्रृंगार, चौकी, कलश, माता रानी की चुनरी, माला, मुकुट आदि सभी महंगे हुए हैं। नवरात्र प्रारंभ होने से पहले ही नवरात्र में प्रयोग होने वाली पूजा सामग्री से लेकर फल,फूल,आलू और व्रत में काई जाने वाली सामग्री के दाम आसमान छूने लगे हैं।
पिछले साल की तुलना में इस बार 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। सदर बाजार स्थित दुकानों में कुट्टू का आटा 150 रुपये, सिंघाड़े का आटा 160 से 200 रुपये, साबूदाना 100 रुपये किलो, आलू पापड़ 200 रुपये किलो, मखाने 860 रुपये किलों और समा के चावल 120 रुपये किलो मिल रहे हैं। इन सभी के दामों में 10-15 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। गंगानगर स्थित बालाजी स्टोर के मालिक रमेश का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले मेवा आदि के दामों में काफी अंतर आया है। व्रत सामग्री की कीमत भी बढ़ गई है।
शास्त्रीनगर निवासी गृहिणी चानू ने बताया कि धार्मिक पर्वों पर फलों के दाम अधिक बढ़ जाते हैं। इस महंगाई का गरीब वर्ग पर विशेष असर पड़ता है। उन्होंने प्रशासन से मुनाफाखोरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। फल विक्रेता अशोक ने बताया के धार्मिक कार्यक्रमों के चलते फलों की डिमांड बढ़ जाती है और आवक कम हो जाती है।
ऐसे में कम माल मिलता है और रेट तेज हो जाता है। पैट्रोल व डीजल के दाम बढऩे का भी कुछ असर देखने को मिल रहा है। खास बात यह है कि चतुर्थी तिथि क्षय होने के कारण नवरात्र का एक दिन घट रहा है। इसलिए इस बार नवरात्र आठ दिन ही रहेंगे। नवरात्र के क्रम को देखें तो सात अक्तूबर प्रतिपदा को पहला नवरात्र होगा। इसी दिन घट स्थापना की जाएगी। इसके बाद आठ को द्वितीया, नौ को तृतीया और चतुर्थी एक साथ होंगी। 10 को पंचमी, 11 को षष्ठी, 12 को सप्तमी, 13 दुर्गाष्टमी और 14 अक्तूबर को महानवमी के साथ नवरात्र का समापन होगा।