UP में 700 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, प्रदूषण को कम करने में मिलेगी मदद

Up में अब 700 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, इनमें 50 बसें मेरठ में चलेंगी....

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-08-30 13:01 IST

UP में 700 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी (social media)

Up सरकार की लगभग 700 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। इनमें 50 बसें मेरठ में चलेंगी। इसकी जानकारी आज मेरठ सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केके शर्मा ने दी है। उन्होंने कहा है की नई व्यवस्था में महानगर में चलने वाली इलेक्टिक बसों के संचालन और रखरखाव का जिम्मा पूरी तरह निजी कंपनियों के हाथों में होगा। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड रूटों का निर्धारण करने के साथ ही विभिन्न कंपनियों के बीच संयोजन और यात्रियों से हुई आय का बंटवारा करने की जिम्मेदारी निभाएगी।

इलेक्ट्रिक बसें PMI कंपनी उपलब्ध कराएगी

 केके शर्मा के अनुसार इलेक्ट्रिक बसें PMI कंपनी उपलब्ध कराएगी। चालक भी कंपनी के होंगे और चार्जिग में व्यय होनी वाली बिजली का भुगतान भी PMI को करना है। लोहिया नगर में MCTSL द्वारा बस अड्डा और चार्जिग स्टेशन का निर्माण किया गया है। MCTSL प्रति किलोमीटर 66.43 रुपये की दर से PMI को भुगतान करेगी। उन्होंने बताया कि बसों के लिए परिचालक और ईटीएम उपलब्ध कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।

कंपनी के पास 80 CNG बसें हैं

मेरठ सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के अनुसार नई बनाई गई व्यवस्था में MCTSL बसों की मरम्मत और स्टाफ के झंझट से मुक्त रहेगी। अभी तक कंपनी के पास 80 CNG बसें हैं, जिनमें स्टाफ और मेंटीनेंस कंपनी कर रही है। ई निविदा के तहत दो कार्यो के लिए कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं। एक कंपनी फेयर कलेक्शन सर्विस मुहैया कराएगी। इसे बसों के परिचालकों को उपलब्ध कराने का जिम्मा होगा। दूसरी कंपनी इलेक्ट्रनिक टिकटिंग मशीन की आपूर्ति और उसके रखरखाव का कार्य करेगी।

सेवाएं नहीं देने पर भरना होगा हर्जाना

मेरठ सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केके शर्मा के अनुसार, इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में किसी भी स्तर पर कमी पाए जाने पर उसकी जिम्मेदारियां तय कर दी गई है। मसलन, किसी रूट पर अगर PMI कंपनी संचालन के लिए बस उपलब्ध न करा पाई, तो उसे उस कंपनी को हर्जाना देना होगा जो परिचालकों की नियुक्ति करेगी। वहीं, ईटीएम और उसका रखरखाव करने वाली कंपनी को हर्जाना देना होगा। अगर ईटीएम और परिचालक की नियुक्ति करने वाली कंपनी अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगी और उसके चलते अगर बसें खड़ी रहेंगी तो यह कंपनियां PMI को नुकसान की भरपाई करेंगी।

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