जाग उठा मुर्दा: अचानक लाश की चलने लगी सांसें, यूपी के मुरादाबाद में चमत्कार देख हिल गए लोग
Moradabad : मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र के रहने वाला श्रीकेश देर रात घर से दूध लेने के लिए निकला था। सड़क पर करते समय श्रीकेश का एक्सीडेंट हो गया।
Moradabad : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में जिला अस्पताल की मोर्चरी में एक्सीडेंट में मृत व्यक्ति नौ घंटे बाद जीवित हो गया। पुलिस जब शव का पंचनामा करने जिला अस्पताल मोर्चरी पहुंची और मृत व्यक्ति के शरीर पर चोट के निशान देख रही थी। तभी पता चला कि मृत व्यक्ति की सांस चल रही है।
जब इस बात की जानकारी परिजनों को हुई तो परिवार में छाया मातम खुशी में बदल गया।तुरंत डॉक्टर ने आकर उस व्यक्ति का चेकअप किया और इलाज के लिये दुबारा से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में मृत घोषित व्यक्ति को रात चार बजे पोस्टमार्टम कराने के लिए मोर्चरी में रखा गया था।
अस्पताल में बताया मृत
दरअसल मझोला थाना क्षेत्र के रहने वाला श्रीकेश देर रात घर से दूध लेने के लिए निकला था। सड़क पर करते समय श्रीकेश का एक्सीडेंट हो गया। परिजनों को जब यह सूचना मिली तो उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसको मृत घोषित कर दिया। परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए देर रात में ही शव को जिला अस्पताल लेकर आ गये।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने भी श्रीकेश का चेकअप करके मृत घोषित कर दिया और शव को मोर्चरी में रखवा दिया। आज सुबह जब पुलिस को जानकारी हुई तो पुलिस शव का पंचनामा करने की तैयारी करने लगी।
शव पर चोट के निशान देखते समय पुलिस को अहसास हुआ कि इस मृत व्यक्ति की तो सांस चल रही है। इस बात की जानकारी तुरंत जिला अस्पताल में डॉक्टर को दी गयी। डॉक्टर ने चेकअप कर उस व्यक्ति की जिंदा होने की पुष्टि की और उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
परिवार में छाया मातम एक बार फिर से खुशी में बदला
श्रीकेश की मौत की सूचना से परिवार में मातम सा छा गया था। परिवार के लोग श्रीकेश के शव के पंचनामा भरने के का इंतज़ार कर रहे थे। तभी परिजनों को मालूम हुआ कि श्रीकेश की मौत नही हुई है वह जिंदा है। फिर क्या परिवार में पसरा मातम एक बार फिर से खुशी में बदल गयी।
जीजा बोले डॉक्टरों ने किया था मृत घोषित
श्रीकेश के जीजा किशोरी लाल ने बताया कि मेरे साले का कल देर रात एक्सीडेंट हो गया था। वह मुरादाबाद में नगर निगम में तैनात है, उसकी पत्नी एक निजी अस्पताल में नौकरी करती है एक्सीडेंट की सूचना के बाद उसकी पत्नी उपचार के लिए अस्पताल में ले गई थी।
जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उसके बाद अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया वहां भी उस को मृत घोषित कर दिया था। हम शव का पोस्टमार्टम कराना चाहते थे। इसलिए श्रीकेश के शव को जिला अस्पताल ले आए।
जिला अस्पताल में भी डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और शव को रात करीब 3 बजे मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रख दिया था। आज सुबह जानकारी मिली की श्रीकेश की सांसे चल रही हैं और वह जीवित है।
सीएमएस ने दी जानकारी
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ शिव सिंह ने बताया कि श्रीकेश नाम के एक व्यक्ति उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया था।. डॉ मनोज यादव के द्वारा पूरा चेकअप करने के बाद उस को मृत घोषित किया था। शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए देर रात शव को मोर्चरी में रख दिया गया था। परिवार के लोगों का भी कहना है कि जिला अस्पताल लाने से पहले और कई अस्पतालों ने भी श्रीकेश को मृत घोषित किया था।
मृत व्यक्ति के जीवित होना
कभी-कभी जब व्यक्ति के चोट लगती है, उसको दवाइयां दी जाती हैं, उनका असर बहुत देर बाद देखने को मिलता है। उस समय ऐसा महसूस होता है कि यह व्यक्ति की मौत हो चुकी है। यहां भी यही हुआ दवाइयों का असर बहुत देर के बाद हुआ। शायद इसकी वजह से वह एक बार पुनः जीवित हो गया।