Saharanpur News: शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बग्गा भाजपा में हुए शामिल
सहारनपुर की राजनीति में लोग अपनी पार्टियों को छोड़ सत्तादल शामिल होना चाहते हैं जिसकी बड़ी वजह है 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव..
Saharanpur News: सहारनपुर की राजनीति में लोग अपनी पार्टियों को छोड़ सत्तादल शामिल होना चाहते हैं जिसकी बड़ी वजह है 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे ही सत्ताधारी नेता हो या विपक्षी नेता सभी लोग एक दूसरे की पार्टी में विलय कर रहे हैं क्योंकि कुछ राजनेताओं पर गम्भीर आरोप, कुछ को पद का लालच और सरकारों को इनके शामिल करने पर वोट का लालच साफ दिखायी देता है। जनपद के राजनीति में अपना रुतबा रखने वाले राज नेता अब सत्ता के डर से या अपने को बड़ा पद मिलने के लालच में पार्टियों में विलय कर रहै है।
जनपद के बड़े नेताओं ने पिछले 5 पांच साल पहले हुए चुनाव में भी उनके भंडाफोड़ ना हो जाए सत्ताधारी पार्टियों में शामिल हुए थे और इस बार भी ऐसा ही दिखाई दे रहा है। जहां सत्ता में अपनी अलग रुतबा पहचान रखने वाले राजनेता अपनी पार्टियों को छोड़कर सत्तादलों में शामिल हो रहे हैं। इसके पीछे कुछ बड़ी वजह भी है।
शिरोमणि अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष सरदार गुरप्रीत सिंह बग्गा ने भाजपा में हुए शामिल
अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष एवं सिख समाज के विशेष पकड़ रखने वाले सरदार गुरप्रीत सिंह बग्गा अपने काफी संख्या में समर्थकों सहित लखनऊ में भाजपा कार्यालय पर शामिल होने की घोषणा कर दी। गुरप्रीत सिंह बग्गा के भाजपा में शामिल होने से जनपद की राजनीति में एक बार फिर गर्मी आ गई है। सरदार गुरप्रीत सिंह बग्गा विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी को लेकर चर्चा में हैं। गुरप्रीत सिंह बग्गा श्री गुरु सिंह सभा द्वारा निर्माणाधीन ऐतिहासिक गुरुद्वारे को लेकर हुए संप्रदायिक बवाल के पश्चात दोनों पक्षों में विवाद निस्तारित कराने में भी अहम भूमिका का निर्वहन किया था।
सरकार ने हमारे सिख समाज के लोगों का साथ दिया है
उन्होंने समाज में सद्भाव स्थापित करने का कार्य किया और समाज में विश्वसनीयता अर्जित करने में सफल हुए सिख समाज की महत्वपूर्ण संस्था श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान सरदार जसवीर सिंह बग्गा के सपूत गुरप्रीत सिंह बग्गा ने भाजपा का दामन थामते हुए ऐतिहासिक गुरुद्वारे के निर्माण कार्य प्रारंभ करने के संकेत भी दिए हैं। वही भजापा में शामिल होने के बाद आज सहारनपुर में गुरप्रीत सिंह बग्गा ने भजापा नेताओ के साथ प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि उतर, प्रदेश के अधिकतर अकाली दल छोड़ कर भजापा में शामिल हुए है हमने इस लिए भाजपा जॉइन की 2014 में गुरुद्वारा की जमीन को लेकर विवाद हुआ था। उसमें सरकार ने हमारे सिख समाज के लोगो का साथ दिया है ओर हमेशा देखा गया है की सरकार का सिखों के प्रति जो प्यार समान मिला है वही किसी पार्टी में नही मिला है।
हम आपको बता दे लगातार खनन से जुड़े मामलों में गुरप्रीत सिंह बग्गा चर्चाओं में रहे है जब इनसे पूछा गया कि सरकार द्वारा अवैध काम करने वालो अवैध सम्पत्ति जब्त करने ओर जेल जाने के डर से जिस तरह कई विपक्षी पार्टियों न नाम चीन बड़े नेताओं ने सरकार की कार्रवाई के डर से भाजपा शामिल हुए है। तो उनका जवाब था कि मेरे ऊपर कोई मामले खनन के नहीं हैं सब खत्म हो गये हैं, कोई मुकदमा दर्ज नहीं है अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने सहारनपुर बसपा एमलसी इकबाल भल्ला पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि सहारनपुर मे बसपा काल मे इनसे बड़ा खनन माफिया कोई नहीं था सरकार ने इनकी करोड़ो की अवैध सम्पति को जब्त किया है उन्हीं लोगों ने पर भी झूठे मुकदमे दर्ज कराये गए थे।