Saharanpur News: आतंकियों की गोली का निशाना बना सगीर, कारपेंटर का काम करता था
Saharanpur News: सगीर अहमद की जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में शुक्रवार को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह कारपेंटर का काम करता था।
Saharanpur News: सहारनपुर जनपद (Saharanpur District) के रहने वाले सगीर अहमद (Sageer Ahmed) की जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में शुक्रवार को आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह कारपेंटर का काम करता था। मौत की सूचना मिलने के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन पुलवामा के लिए रवाना हो गए हैं। आज देर रात तक शव आने की उम्मीद है।
सहारनपुर के मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन (Saray Hisamuddin) के रहने वाले सगीर अहमद (58) जम्मू कश्मीर के पुलवामा में एक निजी फर्म में लकड़ी कारीगर का काम करता था। शुक्रवार की शाम वह काम करके अपने किराए के कमरे में लौट रहा था। रास्ते में आतंकियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। सगीर अहमद के परिजनों को जब उसकी हत्या की सूचना मिली तो घर पर लोगों का तांता लग गया। सगीर की चार बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सगीर के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है सगीर अहमद ने हत्या से डेढ़ घंटे पहले अपनी बेटियों और नवासो से बात की थी और उसके बाद ही एक मनहूस खबर आई सगीर अहमद नहीं रहे। सगीर अहमद की पत्नी का कोरोना से ग्रस्त होने के कारण 6 माह पूर्व निधन हो गया था उसके इलाज में एक बहुत बड़ा कर्जा सगीर अहमद के सिर चढ़ गया था, वैसे तो सगीर अहमद लगभग डेढ़ साल पहले जम्मू-कश्मीर गए थे और एक निजी फर्म में काम कर रहे थे। अभी हाल फिलहाल वह 2 माह पूर्व जम्मू-कश्मीर गए थे, वजह सिर पर चढ़ा हुआ कर्जा था और एक बेटी की शादी करना था।
सगीर अहमद के 4 बेटियां नजराना (32), आयशा, 25) सीबा (23) और शोबी (20) हैं। इनमें शोबी को छोड़कर बाकी तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटा भी है। उसका नाम जहांगीर (30) है। उसकी भी शादी हो चुकी है। वह राजस्थान में कारपेंटर का काम करता है। उनका पूरा परिवार यहीं पर रहता है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है। माली हालत इतनी खराब है कि सगीर अहमद के शव को लाने के लिए परिजनों के पास पैसे भी नहीं थे। क्षेत्रवासियों ने पैसा इकट्ठा किया तो उनके भाई और दामाद उनका शव लेने के लिए ट्रेन से जम्मू-कश्मीर रवाना हो सके।
सगीर अहमद का पोस्टमार्टम रविवार को होगा। उसके बाद ही शव परिजनों को दिया जायेगा वही सगीर अहमद के भाई नदीम अहमद और मुस्लिम अहमद ने सरकार से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि मृतक सगीर अहमद के भाई को एक सरकारी नौकरी और आर्थिक मुआवजा भी दिया जाए, ताकि जिस माली हालत से परेशान होकर सगीर अहमद अपनी जान हथेली पर रखकर जम्मू कश्मीर गए थे और उनका भतीजा भी यहीं घर पर रहकर अपने परिवार की दो वक्त की रोटी जुटा सके।
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