Shamli News: RLD नेताओं में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान, दो पूर्व विधायको पर लगा पैसे लेकर टिकट देने का आरोप
Shamli News: नेताओं का आरोप है कि पुराने चेहरों को दरकिनार करते हुए पार्टी में नए चेहरों को टिकट दिया गया है।
Shamli News: यूपी में 2022 के इलेक्शन (up election 2022) को लेकर सभी पार्टियों की सरगर्मी तेज हो गई है । गठबंधन ने यूपी में प्रथम चरण में होने वाले चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की लिस्ट घोषित कर दी है। जिसके बाद आरएलडी के नेताओं में घमासान छिड़ गया है। नेताओं का आरोप (ticket bechne ka aarop) है कि पुराने चेहरों को दरकिनार करते हुए पार्टी में नए चेहरों को टिकट दिया गया है। गौरतलब है कि शामली जनपद की शामली विधानसभा सीट से आरएलडी गठबंधन प्रत्याशी प्रसन्न चौधरी को टिकट दिया गया है । प्रसन्न चौधरी बीजेपी पार्टी छोड़कर आरएलडी में ज्वाइन हुए थे और इन्हें अब गठबंधन प्रत्याशी के रूप में शामली विधानसभा की जिम्मेदारी सौंपी है।
आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी के फैसले से आरएलडी नेताओं व कार्यकर्ताओं में घमासान छिड़ गया है। एक तरह से देखा जाए तो आरएलडी पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे हैं ।आज शामली जनपद के गांव किवाना में आरएलडी के पूर्व विधायक विजेंद्र मलिक व पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल ने एक मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में जाट चौधरियों समेत आरएलडी पार्टी के नेता व पदाधिकारी भी शामिल रहे। जहां पर बैठक को संबोधित करते हुए बिजेंद्र मलिक ने पार्टी अध्यक्ष पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। बिजेंद्र मलिक का कहना है कि हम लोगों को पार्टी अध्यक्ष ने आश्वस्त किया था कि चुनाव में आप ही को टिकट दिया जाएगा। लेकिन आरोप है कि आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पैसे लेकर टिकट नए चेहरों को दिया है। जिससे साफ जाहिर है कि पुराने चेहरों को आरएलडी अध्यक्ष दरकिनार कर रहे हैं।
पूर्व विधायक पार्टी हाईकमान के आदेश के खिलाफ
इस मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि गठबंधन को टिकट वितरण में दोबारा सोच विचार करना चाहिए और पुराने नेताओं को टिकट की श्रेणी में शामिल किया जाए। अन्यथा वह सब लोग मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। जिस तरह से पूर्व विधायक पार्टी हाईकमान के आदेश के खिलाफ जाते नजर आ रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि आरएलडी पार्टी में कलह शुरू हो गया है। अमूमन अगर हम बात करें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों की तो हर सीट पर यही हाल है। टिकट बंटवारे के चक्कर में कुछ नेता दल बदल रहे हैं ।तो कुछ नेता बागी होते नजर आ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी अपने पुराने नेताओं पर कितना सोच विचार करती है। या फिर पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं का विरोध इसी तरह से जारी रहेगा ।
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