पीसीएस जे 2018 निरस्त करने की याचिका खारिज

मो. जुबैर व छह अन्य की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि यह परीक्षा जेल में निरुद्ध लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई थी। उनकी गिरप्तारी से उनके कार्यकाल में हुई सभी परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल खड़ा हो गया है।

Update:2019-06-24 22:05 IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस जे 2018 की परीक्षा निरस्त करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया है।

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मो. जुबैर व छह अन्य की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि यह परीक्षा जेल में निरुद्ध लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई थी। उनकी गिरप्तारी से उनके कार्यकाल में हुई सभी परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल खड़ा हो गया है।

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सभी परीक्षाओं में धांधली की आशंका है। ऐसे में पीसीएस जे 2018 परीक्षा भी निरस्त की जानी चाहिए।

आयोग के अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी व अन्य वकीलों का कहना था कि पीसीएस जे 2018 की प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा हो चुकी है। साक्षात्कार भी जारी है। यही इस परीक्षा पर किसी तरह का आरोप भी नहीं लगा है। ऐसी परिस्थिति में परीक्षा निरस्त करने का कोई औचित्य नहीं है। खंडपीठ ने आयोग के अधिवक्ता के तर्क को स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

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