Jyoti Maurya Case: बेदाग निकलीं PCS अधिकारी ज्योति मौर्य , जांच में नहीं मिले भ्रष्टाचार के सबूत, पति ने लगाए थे आरोप
Jyoti Maurya Case: प्रयागराज कमिश्नर के आदेश पर गठित जांच टीम ने ज्योति मौर्य के खिलाफ करप्शन का कोई सबूत नहीं पाया है और इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
Jyoti Maurya Case: पति से झगड़ा और एक पुलिस अधिकारी के साथ कथित संबंधों को लेकर विवादों में रहीं PCS अधिकारी ज्योति मौर्य को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध नहीं हो पाए हैं। प्रयागराज कमिश्नर के आदेश पर गठित जांच टीम ने उनके खिलाफ करप्शन का कोई सबूत नहीं पाया है और इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब उनके खिलाफ जांच प्रक्रिया को जल्द बंद किया जा सकता है।
दरअसल, आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी PCS अधिकारी ज्योति मौर्य पर करप्शन के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कई फोरम पर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। आलोक ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया था कि ज्योति ने नौकरी के दौरान रूपयों का लेनदेन किया है, जिससे भ्रष्टाचार फैला है। शासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अगस्त में प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत को रिपोर्ट भेजने को कहा था। पंत ने जांच के लिए अपर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी।
पति ने वापस ले ली थी शिकायत
PCS अधिकारी पर लगे करप्शन के आरोपों की जांच के लिए गठित कमेटी ने आलोक मौर्य को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। इस बीच आलोक ने अचानक अपनी पत्नी के खिलाफ की गई शिकायत ही वापस ले ली। खबरों की मानें तो शासन को जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें इस बात का खास तौर पर जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि PCS अधिकारी ज्योति मौर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत नहीं मिले हैं। उनके पति ने भी शिकायत वापस ले ली है।
क्या है ज्योति मौर्य का मामला ?
वाराणसी की रहने वाली ज्योति मौर्य की शादी साल 2010 में आलोक मौर्य से हुई थी। 2015 में उनकी दो जुड़वा बेटियां भी हुईं। शादी और बच्चे के बाद भी ज्योति ने अपनी पढ़ाई जारी रखी थी और 2016 में पीसीएस परीक्षा को क्रैक किया था। पति आलोक मौर्य का आरोप है कि सरकारी नौकरी मिलने के बाद उनकी पत्नी का व्यवहार बदल गया। उन्होंन होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ उसके अफेयर होने का आरोप भी लगाया था। वहीं, ज्योति ने भी अपने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया था।