Mathura: शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी सर्वे कराने की दाखिल याचिका स्वीकार, फैसला 1 जुलाई को

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर वीडियोग्राफी सर्वे कराने को लेकर जिला सत्र न्यायालय में दिया गया प्रार्थना पत्र स्वीकार हो गया है।

Written By :  Rajat Verma
Report :  Nitin Gautam
Published By :  aman
Update: 2022-05-13 08:12 GMT

फाइल फोटो 

Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque dispute : मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर वीडियोग्राफी सर्वे कराने को लेकर जिला सत्र न्यायालय (Sessions Court) में दिया गया प्रार्थना पत्र (Petition) स्वीकार हो गया है। अब इस दाखिल प्रार्थना पत्र के मद्देनज़र आगामी 1 जुलाई को सिविल जज (Civil Judge) सुनवाई कर अपना फैसला सुनाएंगे। आपको बता दें, कि वाराणसी की तर्ज पर मथुरा में भी कमिश्नर की नियुक्ति कर विवादित स्थल की वीडियोग्राफी के माध्यम से सर्वे कराने की मांग उठाई गई है। बीते दिन हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सभी लंबित मामलों के निस्तारण को लेकर सत्र न्यायालय को 4 महीने का समय दिया है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव ने सिविल जज की अदालत में यह प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसे स्वीकार करते हुए सत्र न्यायालय द्वारा आगामी 1 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा। आपको बता दें कि मनीष यादव से पूर्व अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने भी काशी की तर्ज पर मथुरा विवादित स्थल का सर्वे कराने की याचिका मथुरा न्यायालय में दायर की थी। अब मथुरा सिविल कोर्ट श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव और  अधिकवक्ता महेंद्र प्रताप की दायर याचिका के अनुरूप कमिश्नर नियुक्त कर वीडियोग्राफी सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर 1 जुलाई को फैसला सुनाएगा।

बीते दिन हाई कोर्ट की सुनवाई में आया यह फैसला

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में याचिककर्ता ने याचिका दायर करते हुए मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के निकट मुग़ल शासक औरंगज़ेब के शासनकाल में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग पर बीते दिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई की गई। इस सम्बंध में पहले से ही कई मामले मथुरा सत्र न्यायालय में लंबित है, जिसके चलते बीते दिन  इलाहाबद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मथुरा सत्र को सभी लंबित मामले निपटाने के लिए 4 महीने का समय दिया है।

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जारी वीडियोग्राफी को आधार बनाकर अब मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद मामले में कमिश्नर की तैनाती कर सर्वे कराने की मांग के तहत सुनाई की जाएगी।

सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दिया प्रार्थना पत्र 

श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह को लेकर न्यायालय में श्री कृष्ण के वंशज  होने का दावा करने वाले मनीष यादव ने शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया है। इस प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने मांग की है कि अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त कर शाही ईदगाह की मौके से रिपोर्ट मंगाई जाये।

प्रार्थना पत्र में यह लिखा

मनीष यादव की तरफ से कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि ईदगाह में प्राचीन शिलालेख व पौराणिक साख्य मौजूद हैं जो ईदगाह में दवा दिए गए हैं और पौराणिक सांख्यों को अदृश्य कर दिया गया है। इस स्थिति को अदालत के समक्ष लाना आवश्यक है। किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर नियुक्त कर मौके की रिपोर्ट मंगाई जाए। 

साक्ष्य मिटाने का जताया अंदेशा 

न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने अंदेशा जताया है कि अगर कमीशन जारी नहीं किया जाता है तो प्रतिवादिगण साख्य को मिटा सकते हैं। उन्होंने लिखा है कि प्रतिवादिगण वाराणसी के ज्ञानवापी केस से प्रभावित होकर साख्य मिटा सकते हैं। 

उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ही चार माह में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव ने मथुरा न्यायालय में शुक्रवार को प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया।कोर्ट 1 जुलाई को करेगा सुनवाई । उधर शाही ईदगाह के सचिव व मुस्लिम पक्षकार तनवीर अहमद ने मनीष यादव के आचरण पर सवाल उठाया और कहा कि वह खुद न्यायालय में आते नही है और हाइकोर्ट में याचिका जल्द से जल्द सुनवाई की लगा रहे है । 

मनीष यादव की तरफ से दाखिल किए गए इस प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई। इसके अलावा केशव देव जी विराजमान मामले में वाद संख्या 950 /2020 के पक्षकार महेंद्र प्रताप ने भी प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। मनीष यादव और महेंद्र प्रताप सिंह के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई करने के बाद न्यायालय ने केस की सुनवाई की अगली तारीख 1 जुलाई दे दी।  श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मामले में लगातार शाही ईद गाह के सर्वे की की जा रही मांग का सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान ने स्वागत किया है और कहा है कि सत्य को सामने लाने के लिए सर्वे जरूरी है और इसमें किसी को कोई आपत्ति नही होनी चाहिए। काशी ज्ञानव्यापी के सर्वे के आदेश के बाद याचिकाकर्ताओं में उम्मीद जगी है।

हाईकोर्ट ने 4 महीने में मामलों को निपटाने के दिए हैं निर्देश

श्री कृष्ण जन्मस्थान व् शाही ईदगाह मामले को निपटाने के लिए गुरुवार को उच्च न्यायालय ने मथुरा की अदालत को 4 महीने का समय देते हुए निर्देश दिए थे। इसके बाद शुक्रवार को अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त करने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र मथुरा की कोर्ट में दाखिल किया गया। जिस पर अब न्यायालय 1 जुलाई को सुनवाई करेगा।

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