38 हजार 885 ग्राम पंचायत अधिकारियों की भर्ती में अनियमितता के खिलाफ याचिकाएं खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 35885 ग्राम पंचायत अधिकारियों की भर्ती में अनियमित्ता को लेकर दाखिल याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है।याचिका में अन्य पिछड़ा वर्ग मेरिट घटा कर 5885अतिरिक्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने की वैधता को चुनौती दी गयी थी।

Update: 2019-01-19 14:21 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 35885 ग्राम पंचायत अधिकारियों की भर्ती में अनियमित्ता को लेकर दाखिल याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया है।याचिका में अन्य पिछड़ा वर्ग मेरिट घटा कर 5885अतिरिक्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने की वैधता को चुनौती दी गयी थी।

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यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने गौरव सक्सेना व् 15 अन्य सहित 60 याचिकाओं की लंबी सुनवाई के बाद दिया है।

याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे व् कई अन्य तथा आयोग के अधिवक्ता के एस कुशवाहा ने बहस की।याचीगण का कहना था कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 2015 में 35885 ग्राम पंचायत अधिकारियों के पद विज्ञापित किये।जिसे पहले साक्षात्कार से भरा जाना था।

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आयोग ने लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार कराने का फैसला लिया।और 24 दिसम्बर 2016 को चयन परिणाम घोषित हुआ।जिसमें सामान्य वर्ग का कट ऑफ मार्क 69 और अन्य पिछड़ा वर्ग का 74 था।बाद में पिछड़ा वर्ग का भी अंक 69 करते हुए 5885 अतिरिक्त लोगो को साक्षात्कार के लिए बुला लिया।24 दिसम्बर 16 को घोषित परिणाम को यह कहते हुए चुनौती दी गयी कि साक्षात्कार के लिए एक अनुपात तीन अभ्यर्थियों को बुलाने के बजाय ओ बी सी को एक अनुपाते 10 बुलाया गया है।जो कानून के विपरीत है।

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आयोग का कहना था कि चयन में लिखित परीक्षा कराने के निर्णय को चुनौती नही दी गयी।चयन में असफल होने के बाद चयन परिणाम को चुनौती देने का अधिकार नही है।कोर्ट ने याचिक ख़ारिज कर दी।

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