Lucknow News: गिरफ्तार PFI सदस्यों का एक और बड़ा खुलासा, आरएसएस में घुसपैठ की चल रही थी तैयारी

PFI in Lucknow: बकायदा सदस्यों को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में जाने के साथ ही संघ की शाखा और उसके तौर – तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा था।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-10-03 04:38 GMT

यूपी से गिरफ्तार PFI सदस्यों का बड़ा खुलासा (photo: social media)

Lucknow News Today: कुख्यात चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के गिरफ्तार सदस्य जांच एजेंसियों के सामने पूछताछ के दौरान बड़े खुलासे कर रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार पीएफआई के सदस्यों ने एसटीएफ के सामने एक और साजिश की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन करीब 50 लोगों का एक सेल तैयार कर रहा था, जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में घुसपैठ कराया जाता।

इसके लिए बकायदा सदस्यों को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में जाने के साथ ही संघ की शाखा और उसके तौर – तरीकों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा था ताकि आरएसएस के अंदर से ही संवेदनशील सूचनाएं हासिल की जा सके। बीते मंगलवार को लखनऊ में बीकेटी के अचरामऊ से गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्य मो. फैजान, मो. सुफियान और रेहान के वाट्सएप और लैपटॉप से इसके साक्ष्य भी एसटीएफ को मिले हैं।

ग्राम प्रधान अरशद की तलाश

बताया जा रहा है कि अचरामऊ और आसपास के इलाके में प्रतिबंधित संगठन का पूरा नेटवर्क खड़ा करने में ग्राम प्रधान अरशद की मुख्य भूमिका है, जो छापेमारी के बाद से फरार है। एसटीएफ उसकी तलाश में दबिश दे रही है।

अचरामऊ से गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्य मो. फैजान, मो. सुफियान और रेहान ने आरएसएस में घुसपैठ के पीछे पीएफआई के मकसद का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मुख्य मकसद संघ की गतिविधियों पर नजर रखना और संवेदनशील सूचनाएं एकत्रित करना था। सरकार और संघ से जुड़ी ऐसी सूचनाओं को इस्लामिक देशों में बैठे अपने आकाओं तक पहुंचाना था।

पीएफआई का मकसद देश के मुसलमानों को जल्द से जल्द एकजुट कर उन्हें हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए प्रेरित करना था। गिरफ्तार से एटीएस को ये भी पता चला कि पीएफआई अपने सदस्यों को सैन्य स्तर की ट्रेनिंग दिया करता था। देश की आंतरिक शक्ति को कमजोर करने में पीएफआई पूरी तरह से लगा था। चरमपंथी संगठन अधिक से अधिक मुस्लिम युवाओं को बरगलाकर उन्हें धार्मिक कट्टरता की ओर ले जाता था। उनके अंदर गैर – मुस्लिमों के लिए जहर भरा जाता था ताकि समाज में वैमनस्य पैदा हो सके।

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