कोरोना: मल्टी चैनल वेंटिलेटर डेवलप करेंगे पीजीआई और एकेटीयू

कोरोना वायरस के संक्रमण में मरीज को बचाने के लिए उसे वेंटिलेटर पर रखना जरूरी होता है। जब तक फेफड़े ठीक से काम नहीं करने लगें तब तक वेंटिलेटर लगा रहता है।

Update: 2020-03-29 09:32 GMT

लखनऊ: कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण में मरीज को बचाने के लिए उसे वेंटिलेटर पर रखना जरूरी होता है। जब तक फेफड़े ठीक से काम नहीं करने लगें तब तक वेंटिलेटर लगा रहता है। ऐसे में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के समय में अधिक से अधिक वेंटिलेटरों की मांग हो जाती है।

मल्टी चैनल वेंटिलेटर विकसित करने पर काम शुरू

इसी क्रम में पीजीआई, लखनऊ ने मल्टी चैनल वेंटिलेटर विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। मल्टी चैनल वेंटिलेटर में एक ही मशीन से दो या ज्यादा लोगों को ऑक्सीजन दी जा सकेगी।

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इस मशीन को बनाने में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) भी सहयोग कर रहा है। मल्टी चैनल वेंटिलेटर बनाने के लिए पीजीआई एकेटीयू के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के मेक्ट्रोनिक्स विभाग की थ्री-डी प्रिंटिंग लैब का इस्तेमाल करेगा।

बनेगा प्रोटो टाइप मल्टी चैनल वेंटिलेटर

पीजीआई के एनेस्थीसियोलॉजी विभाग के हेड प्रो. अनिल अग्रवाल ने सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के निदेशक प्रो. मनीष गौड़ से उनकी थ्री-डी लैब के प्रयोग व सहयोग की मांग की है। प्रो. गौड़ ने बताया कि हम बिना किसी शर्त के इस महत्वपूर्ण काम मे सहयोग करेंगे।

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लैब में मल्टी चैनल वेंटिलेटर का प्रोटो टाइप बनाया जाएगा। प्रो. गौड़ ने बताया कि वह अपने दो शिक्षक व पीएचडी स्टूडेंट्स का पास बनवाकर इसमें सहयोग करेंगे।

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