खेल रहे जान से: तेजी से बढ़ रहा मौत का तांडव, नहीं मान रहा यूपी का ये राज्य

कोरोनावायरस जैसी महामारी के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए भारत में लोक डाउन को एक बार फिर से 3 मई तक के लिए बढ़ाना पड़ा है और देश के प्रधानमंत्री ने कल देश को संबोधित करते हुए लोगों से जरूरी काम हो तो ही घर से बाहर निकले अन्यथा घर में रहने की अपील की थी।

Update:2020-04-15 13:30 IST
खेल रहे जान से: तेजी से बढ़ रहा मौत का तांडव, नहीं मान रहा यूपी का ये राज्य

पंकज प्रजापति

नई दिल्ली। कोरोनावायरस जैसी महामारी के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए भारत में लोक डाउन को एक बार फिर से 3 मई तक के लिए बढ़ाना पड़ा है और देश के प्रधानमंत्री ने कल देश को संबोधित करते हुए लोगों से जरूरी काम हो तो ही घर से बाहर निकले अन्यथा घर में रहने की अपील की थी। साथ ही मास्क लगाने के भी सब को निर्देश दिए गए हैं कि अगर वह घर से बाहर निकले तो मास्क लगा कर निकले।

ऐसा नहीं कि सिर्फ बाजार में आने वाले लोग ही लगना उनके नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि जिन जरूरी सामान की दुकानों को छूट दी गई है वह भी बिना मास्क लगाए ही दुकानों पर बैठे हुए हैं और कोरोनावायरस जैसी भयंकर महामारी को फैलने की दावत दे रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों ने तो यह ठान लिया है कि कुछ भी कर लो साहब लेकिन हम नहीं सुधरेंगे।

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बिना मास्क लगाए घरों से निकल रहे

आपको बता दें कि सुबह के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि जो भी लोग घरों से बाहर निकले एक जरूरत का सामान लेने के लिए तो वह मास्क लगाकर निकलें, लेकिन लोग अभी भी बिना मास्क लगाए घरों से निकल रहे हैं।

यह वह चंद लोग हैं जो बिल्कुल ही धीट बने हुए हैं और किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं है ऐसे चंद लोग पूरे समाज और देश के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं।

खुलेआम कोरोना

मामला जनपद शामली का है जहां पर जिला प्रशासन द्वारा जरूरत का सामान खरीदने के लिए सुबह 6:30 बजे से 9:30 बजे तक की ढील आमजन के लिए रखी है। जिसमें नए घरों से निकलकर अपनी जरूरत का सामान खरीद सकते हैं लेकिन इस समय के दौरान वह अपने घरों से मास्क लगाकर निकलेंगे यह भी अपील लोगों से की गई है लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं है और बिना मास्क लगाए ही घर से निकल रहे हैं।

जिन जरूरत के सामान की दुकानों को छूट दी गई है उन दुकानों पर दुकानदार भी बिना मास्क लगाए ही जरूरत का सामान लोगों को दे रहे हैं और मांस न लगाकर वह खुलेआम कोरोना जैसी भयंकर महामारी को खेलने के लिए न्योता दे रहे हैं।

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लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

ऐसा नहीं कि सभी लोग बिना मास्क लगाए घर से निकल रहे हैं तकरीबन 80% लोग दो मास्क लगाकर और पूरी तैयारी के साथ घर से निकलते हैं लेकिन 20% लोग ऐसे हैं जो बिना मास्क लगाए घरों से निकल रहे हैं।

जिससे वह अपने आप को तो खतरे में डाल ही रहे हैं लेकिन और लोगों को भी जान पर भारी बने हुए हैं। जिला प्रशासन ऐसे लोगों पर नरमी बरते हुए हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा होती दिखाई नहीं दे रही है।

जिला प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए

अगर जिला प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तो ऐसे लोग अपने घरों से या तो नहीं निकलेंगे और अगर निकलेंगे तो वह मास्क लगाकर निकलेंगे।

जब हमने विनम्र आज के लगाए घूम रहे लोगों से बात की तो लोग या तो मास्क के घर पर घूमने का बहाना बनाते दिखाई दिए या यह कहते हुए दिखाई दिए कि मास्क लगाने से पसीना आ जाता है इसलिए उन्होंने मास्क नहीं लगाया है।

अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर लोग ऐसे ही बिना मास्क लगाए घरों से निकलते रहे तो आज जो आंकड़ा तकरीबन 10 हजार है उसे एक लाख पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा लिहाजा जिला प्रशासन को सख्ती बरतनी चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।

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