किसान कल्याण रैली में बोले PM- 2022 तक दोगुनी होगी आपकी आमदनी

Update:2016-02-28 10:07 IST

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बरेली: पीएम नरेंद्र मोदी किसान कल्याण रैली में पहुंचे। रबड़ फैक्ट्री मैदान फतेहगंज में भारी भीड़ के सामने पीएम ने 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का वादा किया। पीएम ने नई फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना की खूबियां गिनाईं। साथ ही आमदनी बढ़ाने के लिए कई टिप्स दे गए।

पीएम मोदी ने कहा...

2022 में भारत की आजादी के 75 साल होंगे क्या हम सभी संकल्प कर सकते हैं कि तब तक हम किसान इनकम को दोगुना कर देंगे। क्या यह काम हम कर सकेत हैं? किसान की आय डबल हो सकती है?

-ये बहुत मुश्किल नहीं है।

-मध्य प्रदेश कभी भी कृषि के लिए टॉप 5-10 राज्यों में नहीं था। लेकिन जब से वहां बीजेपी की सरकार बनी। शिवराज सिंह चौहान ने संकल्प लेकर नई-नई योजना बनाकर कृषि को प्राथमिकता दी। सिंचाई को उन्होंने खेतों तक पहुंचाया। इसका परिणाम यह हुआ कि मध्य प्रदेश तीन साल से कृषि में पहले स्थान पर है।

-यदि मध्य प्रदेश इतने कम समय में ऐसा कर सकता है तो बाकी राज्य भी कर सकते हैं।

-भारत सरकार राज्य सरकारों के साथ काम करने को तैयार है।

तीन हिस्सों पर ध्यान देने की जरूरत

-हमें तीन बातों (पिलर) पर ध्यान देने की जरूरत है।

-एक तिहाई हिस्सा कृषि का, एक तिहाई मैन्यूफैक्चरिंग का, एक तिहाई सर्विस सेक्टर का।

-किसानों की भलाई के लिए उद्योगों की भी जरूरत है।

-सेवा क्षेत्र में रोजगार की ढेर सारी संभावना है। यदि हम टूरिज्म को बढ़ावा दें तो किसानों के बेटों को रोजगार मिल सकता है।

-लेकिन खेती को कैसे आगे बढ़ाएं।

तीन भाग में करें खेती

-खेती को भी तीन हिस्सों में बांटने की जरूरत है।

-एक तिहाई-परंपरागत खेती, एक तिहाई-खेत के मेड़ पर पेड़ लगना। यदि खेत के आखिरी छोड़ पर टिंबर लगा लें तो 15-20 साल बाद काफी पैसा मिलेगा।

तीसरा हिस्सा-पशुपान।

-पिछले साल सबसे ज्यादा अंडा पैदावार हुआ। दूध का उत्पादन हमारे देश में 2013-14 में एक हजार 375 लाख टन, भारत सरकार की नीतियों के कारण एक हजार 463 लाख टन। इतनी वृद्ध पहले कभी नहीं हुई थी।

बुंदेलखंड की चिंता

-हमारी कोशिश है कि हमारे देश में कृषि को भी मजबूती देने की जरूरत है। हमें किसानों को ताकतवर बनाना होगा।

-यदि किसान को पानी मिल जाए तो मिट्टी से सोना उगा सकता है।

-बुंदेलखंड को देखकर चिंता होती है। जहां पांच नदियां हो वहां पीने को पानी नहीं हो।

हमें शर्म आती है कि अब तक हमने सरकार कैसे चलाई है। आज किसान बारिश पर ही निर्भर है।

नदियों को जोड़ना है

-अटल जी का सपना था नदियों को जोड़ने का। हम उसको ध्यान में रखकर चल रहे हैं।

-यदि हम नदियों को जोड़ दे तो बाढ़ से भी बचेंगे और सूखे से भी। इसलिए हमने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई है। 50 हजार करोड़ रुपए लगाए हैं।

मनरेगा की लें मदद

-हमारे देश में मनरेगा की बहुत बात होती है। पहले केवल भ्रष्टाचार ही हुआ।

-हमने राज्यों से कहा है तालाब खोदो, नहर को साफ कराओ। मनरेगा के पैसों को सिंचाई और किसानों के लिए लगाओ।

सॉयल हेल्थ कार्ड

-केमिकल और बहुत ज्यादा फर्टिलाइजर हमारी धरती मां की तबियत खराब कर रही है।

-इसलिए हमने सॉयल हेल्थ कार्ड योजना बनाई है। मिट्टी का हम लैब में जांच कराएं।

-जो बात जांच में कही जाए तो उस अनुसार दवा डालें और खेती करें।

-हम हिंदुस्तान के सभी किसान को सॉयल हेल्थ कार्ड पहुंचाना चाहेत हैं।

यूरिया के लिए अब मारा मारी नहीं

-जब मैं पीएम बना तो मुझे ज्यादातर मुख्यमंत्रियों की चिट्ठी यूरिया के लिए आती थी।

-मैं आज बड़े गर्व से कहता हूं कि इस बार एक भी मुख्यमंत्री ने यूरिया के लिए लेटर नहीं लिखा है।

-पहले तो यूरिया के लिए कतार में खड़े होते थे, लाठीचार्ज होता था। लेकिन अब ऐसा कहीं नहीं हुआ है।

-पहले यूरिया आता था और केमिकल फैक्ट्री में चला जाता था। लेकिन अब नीम कोटिंग कर दिया गया है।

-ई प्लेटफॉर्म के लिए हम काम कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किया जा रहा है। राज्य सरकारें भी इस काम में जुटे।

झुमका और मांझा फेमस

-हम बचपन में कभी बरेली तो नहीं आते थे लेकिन सुनते थे कि कोई झुमका गिरा था।

-कभी ये भी सुना था कि बरेली का सुरमा नई दृष्टि देता है।

-हम पतंग उड़ाने के शौकीन थे और मांझा बरेली का प्रसिद्ध है।

-आपकी पतंग को बरेली का मांझा उड़ाता था।

-आपकी पतंग को बरेली का मांझा ही ऊंचाई देता है।

नीचे की स्लाइड्स में देखिए फोटोज

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राजनाथ सिंह ने कहा...

-यूपी में ओलावृष्टि हुई थी, फसलों को नुकसान हुआ लेकिन क्या राज्य सरकार ने किसानों को मुआवाजा दिया?

-पीएम मोदी ने विदेश जाने से पहले रात को मुझसे कहा कि रात बजे से पहले मुआवजे का आदेश जारी हो। मुआवजे की राशि को डेढ गुना कर दिया। 30 फीसदी फसल खराब होने पर भी मुआवाजा देने को कहा।

-यूपी सरकार आपके आंख में धूल झोंक रही है।

-हमने 2 हजार 8 सौ साठ करोड़ रुपए यूपी सरकार को मुआवजे के लिए दिया।

-सबके सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की व्यवस्था हमारे पीएम ने की है।

-पहले खाद के लिए मारा-मारी होती थी, लेकिन अब ऐसी व्यवस्था हुई है कि खाद को लेकर कोई मारामारी नहीं हुई है।

-2019 से पहले कोई बिना बिजली और 2022 तक कोई बिना मकान के नहीं होगा।

-हमारा काम ना सपा और ना बसपा को नजर आता है। विपक्ष को बरेली के सूरमा की जरूरत है। ताकि उन्हें सही चीज दिखे।

-हमारे ऊपर कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगा सकता है।

लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा

-सपा सरकार को किसानों की चिंता नहीं है।

-यहां कृषि विकास दर बहुत कम है।

-किसानों के लिए सिर्फ मोदी सरकार ही काम कर रही है।

पीएम मोदी का सप्ताह में दूसरा दौरा

पीएम मोदी का यह एक सप्ताह में दूसरा यूपी दौरा है। इससे पहले 22 अक्टूबर को वह वाराणसी आए थे।

ये रहे मौजूद

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, मेनका गांधी, संतोष गंगवार भी मौजूद रहे।

नई फसल बीमा का कर रहे हैं प्रचार

पीएम मोदी इन दिनों नई फसल बीमा को प्रचारित करने में जुटे हुए हैं। इससे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम में हुई अपनी रैलियों में भी नई फसल बीमा की खूबियां किसानों के सामने रखी।

रैली से पहले सुरक्षा व्यवस्था

-सिक्युरिटी एजेंसी और पुलिस ने शुक्रवार को रैली स्थल का निरीक्षण किया।

-रैली स्थल के आस-पास पूरे क्षेत्र को सुरक्षा बलों ने अपने कब्जे में ले लिया है।

-रविवार की सुबह से बरेली-दिल्ली नेशनल हाइवे पर भारी और बड़ी गाड़ियों पर रोक लगा दी गई।

-रामपुर-शाहाबाद और आंवला होते हुए रूट डायवर्जन भी किया गया है।

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