कानपुरः कैंदियों के डर से कानपुर पुलिस ने कुएं पर जाल डलवाकर बंद करा दिया है, ताकि इसमें वो कूदकर जान ना दे दें। पुलिस की इस हरकत से प्यासे राहगीरों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। उत्तर प्रदेश की हाईटेक पुलिस अपराधियों को कैद नहीं कर पा रही है, लेकिन पानी से भरे इस कुएं को जरूर कैद कर दिया है।
सैकड़ों साल पुराना है कुआं
-कानपुर के बिधनू थाना परिसर में सैकड़ों साल पुराना कुआं है।
-थाने के निर्माण के समय इसी कुएं से पुलिसकर्मी पानी भरते थे।
-बिधनू गांव के ग्रामीण भी इसी कुएं का इस्तेमाल करते थे।
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-बदलते दौर के साथ ग्रामीणों ने हैंडपंप और समर्सेबल लगवा लिया।
-गर्मी के दिनों में यहां से गुजरने वाले राहगीर इसी कुएं से पानी निकाल कर पीते थे।
-कुएं में एक रस्सी और बाल्टी हमेशा रहती थी।
-थानाध्यक्ष भी रस्सी और बाल्टी का ध्यान रखते थे।
-समय-समय पर कुएं में दवा का छिड़काव और सफाई करवाते थे।
- थाने के थानाध्यक्ष ने बोरिंग कराकर समर्सेबल लगवा दिया।
-इससे थाने के अंदर तक आसानी से पानी पहुंचने लगा।
इस कुएं में कई थानेदारों ने किया टोटका
-बिधनू थाने में कोई भी थानेदार ज्यादा दिनों तक टिकता नहीं था।
-उसका किसी न किसी मामले में जल्द ही ट्रांसफर हो जाता था।
-एक थानेदार ने जैसे ही थाने का चार्ज लिया तो उन्होंने कुएं में बड़ी संख्या में मछली छोड़ दी।
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-उनका मानना था कि मछली शुभ होती हैं और अच्छे ढंग से थाना चल जाएगा।
-इसके बाद आए थानेदार ने कुएं में कछुए छोड़ दिआ और रोजाना कछुओं को खाना डालते थे।
-वह भी ज्यादा दिन टिक नहीं सके, उनका भी ट्रांसफर हो गया।
- क्षेत्र के मझावन में एक सर्राफा व्यापारी के साथ लूट हुई थी।
-आरोपी को जब थाने लाया गया तो उसके पिता कुएं में कूद कर जान देने जा रहे थे।
-यह नजारा देख तत्कालीन थानेदार ने इस कुएं में जाल डलवा दिया।
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अभी तक जो थानेदार बनकर आए हैं वह कछुओं और मछलियों को दाना डालते हैं। क्षेत्रीय लोग इस भीषण गर्मी में इस बात से हैरान हैं कि इस कुएं का पानी आसानी से साफ़ हो सकता था, लेकिन इसे बंद करा दिया गया है।