जिंदादिली की मिसाल: पुलिस ने कोरोना पीड़ित बुजुर्ग को पहुंचाया अस्पताल

जहां पुलिस ने एक बुजुर्ग की जान बचाई,जब किसी को उसकी परवाह नहीं थी।पुलिस लोगों की जान अपनी जान दांव पर लगाकर बचा रही है।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update:2021-05-08 10:26 IST

डिजाइन फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

अल्मोड़ा : कोरोना का प्रकोप ( Corona outbreak) इस कदर बढ़ गया है कि लोग घरों से बाहर तो कम दिख रहे हैं। किसी से बात या हाल-चाल लेने में भी अब कतराने लगे है। इंसानियत (Humnity) कहीं दबती जा रही है, इस भयावह बीमारी के डर से, लेकिन ऐसे गंभीर हालात (Critical Situation) में भी कुछ लोग है जो आशा की किरण बनकर मदद के लिए आगे हाथ बढ़ा रहे हैं। खास कर पुलिस विभाग (Police Department) इस विकट परिस्थिति में लोगों के लिए फरिश्ता की तरह काम कर रही है।

जिस पुलिस के नाम से लोगों की रूह कांपती थी आज वहीं पुलिस लोगों की जान अपनी जान दांव पर लगाकर बचा रही है। ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा से है। जहां पुलिस ने एक बुजुर्ग की जान बचाई,जब किसी को उसकी परवाह नहीं थी।

बुजुर्ग की पीड़ा को पुलिस ने समझा

अल्मोड़ा के मासी इलाके के चैना गांव में एक बुजुर्ग काफी दिन से बुखार से पीड़ित थे। कोरोना के डर से गांव के लोग उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए तैयार नहीं थे। जहां नाते-रिश्तेदार और पड़ोसी मदद से दूर भागते दिखें, वहीं पुलिस के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाकर भर्ती कराया। पुलिस के जवानों ने बुजुर्ग की पीड़ा को समझा और मदद का हाथ बढ़ाया। पीपीई किट पहनकर बीमार बुजुर्ग को डोली से सड़क तक लाये और गाड़ी से अस्पताल पहुँचाया।इस तरह पुलिस की वजह से उस बुजूर्ग को चंद सांसें और मिल गई।

कोरोना महामारी के इस दौर में उत्तराखंड पुलिस की बहादुरी और जिंदादिली की कई मिसाल देखने को मिल रही हैं। कोरोना संक्रमण बेहद घातक रूप से आम जन को बीमार कर रहा है। ऐसे इस तरह मदद लोगों में गंभीर बीमारी के खतरें को कम करने में मददगार और राहत देने वाली है।

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