चुनाव के लिये पोलिंग पार्टी के रवाना होते ही उड़ी नियमों की धज्जियां, बढ़ा खतरा
जनपद सहित यूपी के 20 जिलों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के लिए आज पोलिंग पार्टी रवाना हो गई है ।
शामली: जनपद सहित यूपी के 20 जिलों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के लिए आज पोलिंग पार्टी रवाना हो गई है । वहीं पोलिंग पार्टी को रवाना करने के दौरान जान पीठासीन अधिकारी और अन्य अधिकारियों ने कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाने का आरोप उच्च अधिकारियों पर लगाया तो वही लापरवाही बरतते हुए चुनाव ड्यूटी खत्म होने के लोगों को संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ गया।
ड्यूटी देने वाले कुछ टीचर अधिकारियों का तो कहना है कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री इस चुनाव को 2 या 4 महीने तक टाल सकते थे, जब तक कोरोना कुछ कम नहीं होता। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जनपद को 12 जोन और 100 सेक्टरों में बांटा गया है। जिनके लिए करीब साढ़े चार हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। उच्च अधिकारियों ने शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारियां कर ली है।
आज यूपी में करीब 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव कराने के लिए पोलिंग पार्टियां अपने-अपने ब्लॉक स्तरीय स्थल से रवाना हो चुकी है। जिसको लेकर जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम आज कराए गए। शामली जनपद से करीब 5 जगहों से चुनाव के लिए पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया है। जहां पोलिंग पार्टियों को रवाना करने के दौरान कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, तो वहीं ना तो अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही कुछ लोगों ने मुंह पर मास्क लगाया ।
एक ओर जहां कोविड 19 के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो वही वह लोग कल सैकड़ों की संख्या में अन्य लोगों से मिलकर दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। यह लोग इधर-उधर जाकर अपनी ड्यूटी करेंगे तो वही संक्रमित का खतरा भी बढ़ेगा, जबकि इस मामले में खुद चुनाव में ड्यूटी लगने के बाद रवाना हो रहे पीठासीन, अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने कोविड-19 के नियमों का खुला उल्लंघन होने की बात कही है।
वहीं उन्होंने कहा कि जो लोग आज ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे हैं, वह ड्यूटी के बाद अधिकतर संख्या में संक्रमित होंगे क्योंकि यहां पर खुलेआम कोविड-19 के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है ना तो कुछ लोगों के मुंह पर मास्क है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा। वह इस मामले में सहारनपुर से आने वाले एक टीचर का कहना है कि आज तक इतनी अवस्था हम लोगों ने कभी नहीं देखी थी और करीब 2004 से हम लोग चुनाव कराते आ रहे हैं और इस अव्यवस्था की वजह से चुनाव में ड्यूटी देने वाले लोगों की जान को खतरा है और उच्च अधिकारियों की लापरवाही। इस मामले में साफ देखा जा सकता हैं, चुनाव के बाद संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ेगी चुनाव की वजह से लोगों की जान खतरे में हैं।
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