गरीबों से मांगा 20 हजारः सरकारी आवास के नाम पर भ्रष्टाचार, औरैया में मची लूट
गरीब मजदूरी करने वाले लोगो के द्वारा पैसे न देने पर सभी को अपात्र घोषित कर दिये जाने का आरोप लगाया गया है। जिसकी शिकायत उन लोगों के द्वारा तहसील दिवस में भी की गई।
औरैया। केंद्र व प्रदेश सरकार गरीब जनता के लिए क्या है जितनी भी योजनाएं चला ले मगर उनके अधीनस्थ कर्मचारी जनता तक उनके हितों का लाभ नहीं पहुंचने दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद औरैया के विकासखंड एरवाकटरा की ग्राम पंचायत रामपुरा उमरेन में सामने आया है। जिसमें सचिव द्वारा गांव की गरीब जनता से आवास के नाम पर ₹20000 मांगे गए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रुपये न देने के अभाव में उनके आवास निरस्त कर दिए गए हैं।
औरैया में दिखी भृष्टता की यह तस्वीर
विकास खंड के अंतर्गत पड़ने वाली ग्राम पंचायत रम्पुरा उमरैन निवासी सुमन पत्नी सरनाम, आरती पत्नी भरत प्रयास, शशी देवी पत्नी राजवीर, संतोषी पत्नी विनोद कुमार, सरिता पत्नी राहुल, कालेन्द्री देवी पत्नी वीरेंद्र आदि ने ग्राम पंचायत सचिव रंजना पाल पर आरोप लगाते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (आवास प्लस) के अंतर्गत हम लोगों के आवास सूची में आये थे।
आवास के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग
जिसकी सूचना सभी को ग्राम विकास सचिव रंजना पाल के द्वारा ही दी गयी थी। साथ सचिव रंजना पाल के द्वारा प्रति आवास के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की गई थी। गरीब मजदूरी करने वाले लोगो के द्वारा पैसे न देने पर सभी को अपात्र घोषित कर दिये जाने का आरोप लगाया गया है। जिसकी शिकायत उन लोगों के द्वारा तहसील दिवस में भी की गई। परन्तु भृष्टता के चलते अभी तक कोई सुनवाई नही की गई।
जिलाधिकारी से गोपनीय जांच कराने की अपील
मौके पर मौजूद ग्राम प्रधान पति मान सिंह कठेरिया ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी रंजना पाल के द्वारा 19 जनवरी को खुली बैठक एवं जाँच कर कार्यवाही करने के लिए कहा गया। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किसी भी मीटिंग का आयोजन नही किया गया। साथ ही ग्राम प्रधान पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि कार्यवाही रजिस्टर पर प्रधान समेत सभी लोगो के हस्ताक्षर भी फर्जी तरीके से किये गए है। जो लोग पात्र हैं इसके बाद भी उनको प्रधानमंत्री आवास में अपात्र लिखकर भेज दिया गया है। साथ ही ग्राम प्रधान पति ने जिलाधिकारी से गोपनीय जाँच कराने की अपील की है।
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ग्राम विकास अधिकारी ने बताई यह बात
दूरभाष के माध्यम से हुई बात में ग्राम विकास अधिकारी रंजना पाल ने बताया कि उन पर लगने वाले आरोप गलत है। उन्होंने किसी से भी पैसे की डिमांड नही की। मैंने जाँचकर लोगो को अपात्र घोषित किया है। ग्राम प्रधान पति मान सिंह कठेरिया का भतीजा सरनाम है जिसका आवास मैंने नही किया। जिस कारण यह लोग परेशान कर रहे है।
रिपोर्ट : प्रवेश चतुर्वेदी औरैया
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