लखनऊ: इस बार की दीपावली में मिट्टी के दियों से रौशन होंगे घर
पूरा परिवार मिट्टी के दीपक बनाने में लगा है। भारत द्वारा चाइनीज़ सामान का बहिष्कार करने के बाद से इस बार दिए बना रहे कुम्हार को पूरी उम्मीद है कि इस बार उनकी बिक्री पहले से ज़्यादा होगी।
नई दिल्ली: दीपावली पर लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीपक बनाने वाले कुम्हारों की चाक अब तेजी से चलने लगी है। कोशिश यही है कि इस दिवाली लक्ष्मी जी उनसे भी प्रसन्न रहें।
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कुम्हार को पूरी उम्मीद है कि इस बार उनकी बिक्री पहले से ज़्यादा होगी
पूरा परिवार मिट्टी के दीपक बनाने में लगा है। भारत द्वारा चाइनीज़ सामान का बहिष्कार करने के बाद से इस बार दिए बना रहे कुम्हार को पूरी उम्मीद है कि इस बार उनकी बिक्री पहले से ज़्यादा होगी। इसी उम्मीद में वो इस बार पहले की अपेक्षा ज़्यादा दिए बना रहे हैं।
राजधानी लखनऊ के चिनहट स्थित कुम्हारों की बस्ती में इस बार दिवाली को लेकर कुछ ज़्यादा ही ख़ास इंतज़ाम हैं। उनका परिवार मिट्टी का सामान तैयार करने में व्यस्त हैं। गकुम्हारों ने बताया कि मिट्टी के दीपक बनाने में मेहनत लगती है। रोजाना 100 से 200 दीपक बना रहे हैं।
पूरा परिवार बनाता है।
माता-पिता के साथ उनके बच्चे भी हाथ बंटा रहे हैं
वर्तमान में इन कुम्हारों के घरों में मिट्टी के दीपक, मटकी आदि बनाने माता-पिता के साथ उनके बच्चे भी हाथ बंटा रहे हैं। कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी के हाथ चाक पर बर्तनों को आकार दे रहे हैं। दीपावली पर्व पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं।
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मिट्टी की छोटी मटकियों में धान की खीलें भरकर उनकी पूजा होती है। अब ऐसे में देखना ये है कि इस बार दिवाली इन कुम्हारों के लिए ख़ुशियों की रोशनी लेकर आती है या हर बार कि तरह इस बार भी इनके चेहरे मायूस रह जाएँगे।
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