Sonbhadra News: 26728 मेगावाट पहुंची बिजली खपत, ओबरा-अनपरा की तीन इकाइयों की ट्रिपिंग ने मचाया हड़कंप, ऐसे संभाले गए हाला

Sonbhadra News: जुलाई माह का पहला पखवाड़ा बीतने के बावजूद पूर्वांचल में बारिश की खराब स्थिति से जहां किसानों की नींद उड़ी हुई है। वहीं भारी उमस के चलते जुलाई माह में बिजली खपत का आंकड़ा 26728 मेगावाट पहुंच गया है।

Update:2023-07-18 20:10 IST

Sonbhadra News: जुलाई माह का पहला पखवाड़ा बीतने के बावजूद पूर्वांचल में बारिश की खराब स्थिति से जहां किसानों की नींद उड़ी हुई है। वहीं भारी उमस के चलते जुलाई माह में बिजली खपत का आंकड़ा 26728 मेगावाट पहुंच गया है। यूपी के इतिहास में जुलाई माह में अब तक की इसे सर्वाधिक खपत बताया जा रहा है।

महंगी बिजली खरीदकर संभाले जा रहे हालात

राज्य सरकार को सबसे सस्ती बिजली देने वाली अनपरा परियोजना की दो और ओबरा परियोजना की एक इकाई ब्वायलर ट्यूब लीकेज और तकनीकी कारणों से ट्रिप कर गई है। इससे जहां लगभग नौ सौ मेगावाट की बिजली उपलब्धता प्रभावित हुई है। वहीं सिस्टम कंट्रोल की तरफ से आपात कटौती का सहारा लेने के साथ ही, महंगी बिजली खरीदकर हालात संभाले जा रहे हैं। यूपीएसएलडीसी से मिले आंकड़ों के मुताबिक सोमवार की देर रात बिजली खपत का आंकड़ा, 26728 मेगावाट तक पहुंच गया। मंगलवार को दिन में भी 22 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द बिजली खपत बनी रही। वहीं दूसरी तरफ, सोमवार की रात राज्य सेक्टर की ओबरा की 200 मेगावाट वाली नौवीं इकाई और अनपरा परियोजना की 210 मेगावाट वाली तीसरी तथा 500 मेगावाट वाली पांचवीं इकाई से उत्पादन ठप हो गया। इससे जहां सस्ती बिजली की उपलब्धता में लगभग नौ सौ मेगावाट की कमी दर्ज की गई। वहीं, महंगी बिजली खरीद को लेकर पावर सेक्टर में बेचैनी के हालात बने रहे।

ओबरा परियोजना में कोयला संकट से जूझने की बनी स्थिति

परियोजना प्रबंधन के मुताबिक ठप पड़ी इकाइयों को उत्पादन पर लेने का कार्य शुरू कर दिया गया है। 20 जुलाई तक तीनों इकाइयों को उत्पादन पर आ जाने की उम्मीद है। पिछले वर्ष कोयला संकट के चलते पूरे भारत में हायतौबा झेलने वाले पावर सेक्टर के लिए, एक बार फिर से कोयला संकट की आहट सुनाई देने लगी है। पिटहेड मुहाने पर स्थित ओबरा परियोजना में कोयला स्टाक क्रिटिकल हालत में पहुंचने पर हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते एक इकाई भी चार से पांच दिन तक बंद पड़ी रही। इस इकाई को मंगलवार को उत्पादन पर ले लिया गया है लेकिन अंदरखाने अभी भी हालत चिंताजनक बताए जा रहे हैं। एक्सईएन कोल अजय प्रताप सिंह ने फोन पर बताया कि प्रतिदिन चार रैक कोयले की जरूरत है, लेकिन फिलहाल तीन रैक ही कोयला उपलब्ध हो रहा है। इसको लेकर संबंधितों से वार्ता जारी है। जल्द ही कोयले का पर्याप्त स्टाक जमा कर लिया जाएगा।

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