सोलर व्यापारियों ने किया प्रदर्शन, 42 करोड़ का नहीं हुआ भुगतान
रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एसोसिएशन के बैनर तले होने वाले इस प्रदर्शन के बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज वाजपेई ने बताया कि यूपीनेडा और यूपीपीसीएल द्वारा सोलर व्यापारियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है।
लखनऊ: यूपी पावर कार्पोरेशन द्वारा बकाया पैसे का भुगतान न किए जाने तथा अन्य मांगों को लेकर सोलर व्यापारियों ने सोमवार को शक्ति भवन के गेट के बाहर थाली और ताली बजा कर प्रदर्शन किया। सोलर व्यापारियों का कहना है कि पावर कार्पोरेशन पर उनका करीब 42 करोड़ रुपया बकाया है। सोलर व्यापारियों ने ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह कल गांधी प्रतिमा पर तथा आगामी 12 नवंबर को परिवार समेत विधानसभा पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेंगे।
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एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज वाजपेई ने बताया
रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एसोसिएशन uttar के बैनर तले होने वाले इस प्रदर्शन के बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज वाजपेई ने बताया कि यूपीनेडा और यूपीपीसीएल द्वारा सोलर व्यापारियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार सोलर पावर को बढ़ावा देने के लिए उपभोक्ताओं को सोलर पावर प्लांट लगाने पर सब्सिडी देती है। लेकिन पिछले एक साल से पावर कार्पोरेशन द्वारा सोलर व्यापारियों को इस सब्सिडी का भुगतान नहीं किया गया है। हालात यह हो गए है कि सोलर व्यापारियों का करीब 42 करोड़ रुपया बकाया हो गया है। जिससे सोलर व्यापारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है और व्यापार बंद होने की कगार पर पहुंच गया है।
वाजपेई ने सोलर प्लांट लगाने के लिए यूपीनेडा और यूपीपीसीएल में फर्मों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जांच में भी सामने आ गया है कि यूपीनेडा और यूपीपीसीएल द्वारा फर्मों को सूचीबद्ध कराने के लिए निकाली गई निविदा में भी पारदर्शिता नहीं बरती गई। इस अनियमितता पर निदेशक नेडा ने भी कोई कार्यवाही नहीं की। उन्होंने नेडा निदेशक तथा निविदा समिति के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
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सोलर व्यापारियों ने अधि कारियों पर मीटर कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए बताया
सोलर व्यापारियों ने अधिकारियों पर मीटर कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए बताया कि विभाग के पास नेट मीटर भी उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं को मीटर बाजार से लेना पड़ता है। उन्होंने बताया कि विभाग से जो मीटर 4485 रुपये में मिलता है वहीं मीटर बाजार में 11000 रुपये में मिलता है।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
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