पीपीएस संघ ने डीजीपी से मिलकर अपनी मांगो को रखा

Update: 2020-02-14 16:10 GMT

लखनऊ। प्रांतीय पुलिस सेवा संघ ने कहा है कि उनकी मांगे काफी समय से लम्बित हैं पर अबतक उन पर सुनवाई नहीं हो सकी है। इस सम्बन्ध में आज एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से मिलकर अपना छह सूत्रीय मांगपत्र सौंपा जिस पर उनकी मांगों पर विचार किए जाने का आश्वासन दिया गया।

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प्रांतीय पुलिस सेवा संघ के पदाधिकारियों अध्यक्ष दिनेश यादव और सचिव राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में मिले इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग रखी जिसमें कहा गया कि वर्ष 2019 में प्रस्तावित आईपीएस कैडर के पुर्नगठन के लिए 23 एसडीपी पद बढ़ाने की आवश्यकता है। जो अबतक नहीं हो पाया है।

 

इसके अलावा आरआर कैडर के 25 पदों को वन टाइम वेवर के आधार पर पीपीएस स्लेक्ट लिस्ट में भरे जाने की बात कही गयी थी पर अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढाया जा सका है।

पुलिस सेवा नियमावली में भी बदलाव की जरूरत है

संघ ने अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यह भी बताया कि पीपीएस से आईपीएस बनने के लिए आयु सीमा को 56 वर्ष से 58 वर्ष किए जाने की जरूरत है। साथ ही पुलिस सेवा नियमावली में भी बदलाव की जरूरत है। संघ ने मांग की कि पीपीएस अधिकारियों का वर्दी भत्ता काफी समय से लम्बित है।

इसको बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि पीपीएस संवर्ग की सेवा विसंगतियों के निराकरण के लिए पुलिस महानिदेशक द्वारा पिछले साल जनवरी में अपर पुलिस महानिदेशक भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था।

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जिसने जुलाई 2019 में अपनी संस्तुतियां पुलिस महानिदेशक को सौंप दी थी इसके बाद डीजीपी ने इन संस्तुतियों को अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था।

पदाधिकारियों ने डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी से मुलाकात की

इसका प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा चुका है पर अबतक इस दिशा में कोई कार्रवाई न हो पाने के कारण पीपीएण् संवर्ग के कई अधिकारियों को प्रमोशन लटका हुआ है। इसी को लेकर संध के पदाधिकारियों ने डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी से मुलाकात की।

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