दबंगों ने घर में घुसकर की मारपीट, मुकदमा दर्ज करने से कतरा रही महेशगंज पुलिस

सरकार चाहे जिसकी रहे लेकिन पुलिस के संरक्षण में दबंगों का वर्चस्व बना रहता है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-06-27 13:03 GMT

दबंगों के हमले में घायल महिला व क्षतिग्रस्त हुई गाड़ी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Pratapgarh Crime News: सरकार चाहे जिसकी रहे लेकिन पुलिस के संरक्षण में दबंगों का वर्चस्व बना रहता है। हालांकि योगी आदित्यनाथ की सरकार में अपराधियों और माफियाओं का काफी हद तक सफाया हो गया है। बावजूद इसके राजनीति और पुलिस का संरक्षण प्राप्त अपराधियों का कहर जारी है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद से सामने आया है। मामला जनपद के उतरार, महेशगंज का है। जहां प्रधानी चुनाव की खुन्नस निकालने के लिए दबंगों ने प्रधान पद के प्रत्याशी रहीं गीता देवी पत्नी सुशील कुमार घर में हमला बोल कर न सिर्फ परिवार के सदस्यों को मारापीटा बल्कि फायरिंग करके जान से मारने की कोशिश भी। उमेश यादव पुत्र अमृत लाल ने इस मामले में महेशगंज पुलिस को विनोद पुत्र बांके, श्यामू यादव पुत्र नोखेलाल, राम सुमेर पाल व उनके अन्य साथियों के लिखित शिकायत की और घटना के वक्त का वीडियो भी उपलब्ध कराया। लेकिन पुलिस दंबगों पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें संरक्षण देने में लगी है, जिससे पीड़ित परिवार काफी डरा हुआ है।

पीड़ित उमेश यादव ने बताया कि प्रधानी चुनाव का खुन्नस निकालने के लिए विनोद, श्यामू यादव, रामसुमेर पाल साहित करीब 10-12 लोगों ने अचानक उनके घर पर हमला बोल दिया। इस दोरान इन लोगों जिसे पाया उसी के साथ मारपीट की यहां तक की महिलाओं को भी नहीं बख्शा उनको भी बुरी तरह से मारा गया। दबंगों ने इस दौरान घर में खड़ी गाड़ियों को भी तोड़फोड़ दिया। क्षेत्र में दहशत फैलाने के लिए इन लोगों ने फायरिंग की। मारपीट और फायरिंग का वीडियो भी है, लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज करने की जगह अपराधियों को बचाने में लगी हुई है।


उमेश कुमार ने बताया कि घटना 20 अप्रैल की है। तब से वह थाने से लेकर जिले के हर बड़े अधिकारियों तक इंसाफ की गुहार लगा चुका है, लेकिन सब जगह से केवल कार्रवाई किए जाने का आश्वासन ही मिला। ऐसे में पीड़ित परिवार काफी डरा हुआ है कि कल को कोई अनहोनी हो जाए तो क्या होगा। बता दें इतने सारे साक्ष्य व सबूत होने के बावजूद दबंगों के खिलाफ कार्रवाई न हो पाना यह दर्शाता है कि पुलिस और अपराधियों की साठगांठ जनपद में कितनी मजबूत है।


अपराधियों का मनोबल इस कदर हावी है कि वह घर में घुसकर परिवार के सदस्यों को मारते—पीटते हैं। लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना दूर की बात मुकदमा तक दर्ज करने से कतरा रही हैं। फिलहाल इस घटना ने महेशगंज पुलिस की भूमिका को संदिग्ध कर दिया है। वह पीड़ित पक्ष का कहना है कि अगर हमारे परिवार के साथ कोई अनहोनी की घटना होती है तो इसकी जिम्मेदार महेशगंज पुलिस होगी। क्योंकि पुलिस के शाह पर दबंग आए दिन परिवार को धमका रहे हैं।

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